बुंदेली लोकगीत की अनूठी परंपराएं, मिलिए बुंदेलखंड के उभरते गायक अंशुल आठिया से
सागर। अपना एमपी-अपना लोकरंग में आज के हमारे खास मेहमान हैं सागर के अंशुल आठिया, जो बुंदेली गायक हैं. अपनी संस्कृति और धरोहर के लिए समृद्ध बुंदेलखंड में हर त्योहार के लिए अलग-अलग लोकगीत होते हैं. बुंदेलखंड की संस्कृति को संजोने के लिए कई युवा कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बुंदेली लोकगीतों को देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक पहुंचाया है. सागर के अंशुल आठिया महज 18 साल की उम्र में बुंदेली लोकगीत में पारंगत होकर कई प्रस्तुतियां दे चुके हैं. ईटीवी भारत के खास कार्यक्रम के लिए अंशुल ने बुंदेली बधाई गीतों की प्रस्तुति दी. बधाई गीत खुशी के मौके पर गाया जाता है, जो देश-विदेश में प्रसिद्ध है.
Last Updated : Feb 14, 2021, 9:37 AM IST