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धनतेरस के मौके पर विदिशा जिला संग्रहालय में कुबेर भगवान की पूजा

धनतेरस के अवसर पर संग्रहालय में सालों से मौजूद कुबेर की प्रतिमा की पूजा की गई. शहर में ये पूजा 2005 से की जा रही है और हर साल की तरह इस साल भी लोग यहां कुबेर की पूजा करने पहुंचे.

Worship of Kubera on Dhanteras
धनतेरस पर कुबेर की पूजा

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Published : Nov 13, 2020, 9:29 PM IST

विदिशा। धनतेरस के मौके पर आज विदिशा जिला संग्रहालय में भगवान कुबेर की पूजा की गई. भगवान कुबेर स्वर्ग में धन के देवता माने जाते हैं. जिले में धन की कोई कमी न आए इसको लेकर विदिशा जिला संग्राहलय में साल 2005 से कुबेर देवता की पूजा शहर के वाशिंदों द्वारा की जा रही है, सबसे खास बात यह है कि जिला संग्रहालय में कुबेर देवता की यह प्रतिमा एशिया की सबसे बड़ी प्रतिमा है.

धनतेरस पर कुबेर की पूजा

बताया जाता है देश भर में भगवान कुबेर की चार प्रतिमाएं हैं. एशिया की सबसे बड़ी प्रतिमा विदिशा जिला संग्रालय में है. विदिशा ऐतिहासिक दृष्टि से सम्राट अशोक का सुसराल कहा जाता है. विदिशा का नाम पहले भेलसा था. सम्राट अशोक ने यहां के एक व्यापारी की लड़की से विवाह किया था, यही कारण है कभी खुदाई में तो कभी जंगलों में विदिशा के इतिहास के कई प्रमाण मिलते हैं.

लोगों की माने तो धन कुबेर की मूर्ति बेतवा नदी घाटी पर आड़ी लेती हुई थी, शहर के वाशिंदे इसे विशाल चट्टान समझकर इसकी पीट पर कपड़े धोने का काम किया करते थे, सालों इस प्रतिमा पर कपड़े धोने के बाद जानकारों ने जब पता लगाया तो ये कुबेर की प्रतिमा निकली. उसके बाद इसे पुरातत्व विभाग ने संरक्षित कर जिला संग्रहालय में स्थापित किया, जो आज देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गई है.

इसके बाद से ही विदिशा के लोगों की इस कुबेर से आस्था जुड़ गई, जिसके बाद से ही लोग धनतेरस के मौके पर संग्रहालय में कुबेर की पूजा और परिक्रमा करने आने लगे. विदिशा के पंकज जेन अपने साथियों के साथ कुबेर की पूजा के लिए हर साल धन तेरस पर यहां पहुंचते हैं और विशेष पूजा अर्चना करते हैं.

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