विदिशा। जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी किसी परिवार का सदस्य गुमशुदा हो जाना है. परिवार के सदस्य न जीने की स्थिति में रहते हैं और न मरने की. अगर गुमशुदा व्यक्ति मानसिक रूप से भी अस्वस्थ या विछिप्त हो तब तो उनका मिलना और भी असंभव सा हो जाता है क्योंकि वह स्वंय नहीं बता पता कि वह कहां का रहने वाला है. ऐसे लोगों के लिए विदिशा का श्रीहरि वृद्ध आश्रम ठिकाना बन गया है, आज ऐसे बुजुर्गों की जिंदगी हंसी खुशी गुजर रही है. उन्हीं में से एक हैं बुजुर्ग विमला देवी, आइये जानते हैं विमला देवी की कहानी.
लोगों की सुरक्षा का सहारा बना श्रीहरि वृद्ध आश्रम आश्रम ने कई जिंदगियों को दिया सहारा:ऐसी ही एक कहानी विमला देवी की है जो कि मूलतः दिल्ली की निवासी हैं. परंतु याददाश्त चली जाने के कारण अपने घर का पूरा पता नहीं बता पा रही थीं. विमला देवी विदिशा की सड़कों पर कई महीनों से मेले कुचैले ओर फटे कपड़ों में घूम रही थीं. कोई रोटी देता तो खा लेतीं वरना उन्हें अपनी कोई सुध बुध व होश नहीं था. श्रीहरि वृद्ध आश्रम को एक दिन ये सूचना मिली की कोई महिला सड़क पर बेहोश अवस्था में पड़ी है, आश्रम संचालक वहां पहुंचे ओर उन्हें आश्रम ले आए. आश्रम के मेडिकल विभाग के डॉक्टर बद्री प्रसाद दांगी ने उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया और तुरन्त हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी. इस बीच वे सिर्फ अपना नाम बता रही थीं और पता दिल्ली बता रही थीं. इसके अलावा कोई भी जानकारी नहीं दे पा रही थीं. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर्स की टीम ने उनका निरीक्षण किया और बताया कि यदि इनको लाने में देर हो जाती हो महिला की जान भी जा सकती थी.
आश्रम ने विमला देवी को दिया सहारा world animal welfare day बेजुबानों का सहारा बन रहा 'इंसानियत' का 'आश्रम', एक दशक से जानवरों की सेवा में जुटे हैं भिंड के युवा
बालों में पड़ चुके थे कीड़े:अस्पताल में इलाज होने के बाद उन्हें आश्रम लाकर आश्रय दिया गया. महिला के बालों में कीड़े पड़े हुए थे, किसी पर गुस्सा आ जाये तो बहुत गालियां दिया करती थीं. आश्रम प्रबंधन ने उनके बाल कटवाकर डेली नहलाना धुलाना प्रारम्भ किया. आश्रम के लोगों ने उन्हें स्वच्छ कपड़े पहना कर उनके भोजन और चिकित्सा पर सम्पूर्ण ध्यान दिया. इस बीच उनसे पूछताछ जारी रखी. परन्तु वे अपने नाम और पता दिल्ली के अलावा कुछ नही बता पायी.
महिला के बालों में पड़ चुके थे कीड़े अब पूरी तरह स्वस्थ हैं विमला देवी: हमेशा चुप रहने वाली विमला देवी अब आश्रम वासियों की बिल्लो रानी बन चुकी हैं. आश्रम अध्यक्ष इंदिरा और वेद प्रकाश शर्मा उन्हें मनो चिकित्सक के पास लेकर गए, जहां उनका मानसिक उपचार प्रारम्भ किया गया. आश्रम प्रबंधन के स्नेही व्यवहार और उचित खान पान का नतीजे ये निकला कि बिल्लो रानी अब मुस्कुराने लगी हैं और बातें भी करने लगी हैं. हालांकि उनकी बात अभी भी समझ में नहीं आती. परन्तु स्वास्थ्य की दृष्टि से वे अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और आश्रम में बहुत खुश हैं. एक ऐसी महिला जो बेहोशी की अवस्था में आयी थीं, आज आश्रम में होने वाले कार्यक्रमों और भजनों मे झुम के नृत्य करती हैं. आश्रम अध्यक्ष ने एक लावारिस अज्ञात और मानसिक रूप से अस्वस्थ नारी का जीवन सुरक्षित किया है.
अब पूरी तरह स्वस्थ हैं विमला देवी (Vidisha Shrihari old age Ashram) (Shrihari Old Age Ashram became support of missing people)