विदिशा।जिले के बाईपास रोड पर इन दिनों प्रवासी मजदूरों का आवागमन जारी है. जहां मजूदर पैदल, साइकिल, ट्रकों के जरिए गुजर रहे हैं. जिनकी सेवा करने के लिए कई समाजसेवी संगठनों ने हाईवे पर ही उन्हें भोजन-पानी वितरण करना शुरू कर दिया. जिनकी संख्या अधिक होने और भोजन के कई स्टाल लगे देखकर तहसीलदार भड़क गईं. जिसके चलते समाजसेवी और तहसीलदार के बीच नोकझोंक भी हुई. जहां तहसीलदार ने कहा, जब किसी के पास अनुमति नहीं है, तो वे हाईवे पर भोजन वितरण कैंसे कर रहे हैं.
हाईवे पर भोजन वितरण देख भड़कीं तहसीलदार, समाजसेवियों के साथ हुई तीखी नोकझोंक
विदिशा जिले के बाईपाइ रोड पर प्रवासी मजदूरों की सेवा करने के लिए समाजसेवी उन्हें भोजन-पानी का वितरण कर रहे है. जिनकी संख्या अधिक होने पर विदिशा तहसीलदार सरोज अग्निवंशी हाईवे का निरीक्षण करने पहुंची. जहां तहसीलदार भोजन वितरण कार्यक्रम देखकर भड़क गईं.
दरअसल विदिशा से निकलने वाले प्रवासी मजदूरों को भोजन वितरण के अनेकों कार्यक्रम चल रहे हैं. मजदूरों को कोई भोजन करा रहा है, तो कोई समाज सेवा कर पानी पिलाने का काम कर रहा है. जिससे जो सेवा बन रही है, वो अपने स्तर पर कर रहा है. जब सेवा करने वालों की संख्या बढ़ी, तो विदिशा तहसीलदार सरोज अग्निवंशी हाईवे का निरीक्षण करने पहुंचीं. जहां तहसीलदार और समाजसेवियों के बीच खूब बहस हुई. तहसीलदार ने भोजन वितरण के कार्यक्रम को भी रुकवा दिया. जिससे समाजसेवियों ने तहसीलदार के खिलाफ रोष व्यक्त किया है.
समाज सेवियों ने कहा कि, ये किसी के घर का काम नहीं है. मजदूरों की पीड़ा दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. लॉकडाउन के नियमों का भी पूरी तरह से पालन किया जा रहा है. वहीं लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर ही भोजन वितरण का कार्यक्रम कर रहे हैं. इधर नगर पालिका द्वारा भी भोजन वितरण का कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जबकि कलेक्टर खुद आकर इन कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. जब आला अधिकारियों को एतराज नहीं है तो तहसीलदार नया फरमान क्यों सुना रही हैं.