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दृढ़ इच्छा शक्ति से दिव्यांगता को दी थी मात, अब 30 साल से तैयार कर रहे 'कल' का भविष्य - सर्वपल्ली राधाकृष्णन

शिक्षक दिवस पर आपको एक ऐसे शिक्षक से रूबरू कराते हैं, जिन्होंने अपने मजबूत इरादों से दिव्यांगता को मात दी और समाज के लिए मिसाल बन गये.

दृढ़ इच्छा शक्ति से दिव्यांगता को दी थी मात

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Published : Sep 4, 2019, 8:02 PM IST

विदिशा। सिरोंज विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसे गुरूजी हैं, जो दिव्यांग होने के बावजूद करीब 30 साल से लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं, साथ ही समय पर स्कूल आना और बच्चों को शिक्षा देने को अपना कर्तव्य मानने वाले दिव्यांग शिक्षक राजेश शर्मा अपने इस कर्तव्य को बखूबी निभा रहे हैं.

दृढ़ इच्छा शक्ति से दिव्यांगता को दी थी मात
शिक्षक राजेश शर्मा ने बताया कि पांच सितंबर को देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्राख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जो योगदान दिया, उसे ध्यान में रखते हुए उनके जन्म दिवस को ही शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.राजेश शर्मा ने बताया कि पैर से दिव्यांग होने के बावजूद उनके पढ़ाने में कोई कमी नहीं आई, बल्कि वे निरंतर आगे बढ़ते गए. उनके पढ़ाए बच्चे आज अच्छी जगहों पर पदस्थ हैं, जिस पर उन्हें गर्व होता है.

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