विदिशा।रविवार का दिन सिरोंज के लिए गौरवपूर्ण रहा. स्व. लक्ष्मीकांत शर्मा स्मृति लोक कल्याण न्यास और विकास पचौरी फाउंडेशन द्वारा 231396 लोगों का निशुल्क रक्त समूह परीक्षण कर यह विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है. यह रिकॉर्ड प्रदेश के पूर्व मंत्री स्व. लक्ष्मीकांत शर्मा के नाम पर समर्पित कर दिया गया. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के ज्यूरी मेम्बर डॉ. एके जैन ने हैल्पिंग हैण्ड के क्षेत्र में इस रिकॉर्ड के बनने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने पंडित लक्ष्मीकांत शर्मा स्मृति न्यास के सदस्य उमाकान्त शर्मा और विकास पचौरी को मैडल व प्रमाणपत्र सौंपा. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के समाजसेवी संगठन, धर्मगुरुओं के अलावा ग्रामीण मौजूद थे.
रक्त परीक्षण कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कराया सिरोंज का नाम
लक्ष्मीकान्त शर्मा स्मृति लोक कल्याण न्यास और विकास पचौरी फाउंडेशन ने निशुल्क रक्त समूह परीक्षण कर विश्व रिकॉर्ड बनाया है. यह रिकॉर्ड प्रदेश के पूर्व मंत्री स्व. लक्ष्मीकांत शर्मा के नाम पर समर्पित कर दिया गया. एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के ज्यूरी मेम्बर डॉ. एके जैन ने हैल्पिंग हैण्ड के क्षेत्र में इस रिकॉर्ड के बनने की घोषणा की.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम
दरअसल, फाउंडेशन ने पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को श्रद्धांजलि देते हुए सिरोंज में शिविर लगाया. लक्ष्मीकान्त शर्मा स्मृति लोक कल्याण न्यास द्वारा इस शिविर की सारी व्यवस्था की गई. सिरोंज के शिविर में 56155 लोगों के रक्त के परीक्षण के साथ यह विश्व रिकार्ड दर्ज किया गया. एशिया बुक ऑफ रिकार्ड की टीम ने इसकी मॉनिटरिंग की. इस दौरान विधायक उमाकान्त शर्मा ने लक्ष्मीकांत शर्मा को याद करते हुए कहा कि जनता और नेता के आपसी प्रेम के कारण ही ये रिकार्ड बन सका है. वहीं, विकास पचौरी ने कहा कि देश, प्रदेश के लिये ये खुशी का पल है. विकास पचौरी फाउंडेशन ने इस रिकॉर्ड को लक्ष्मीकान्त शर्मा को समर्पित करने का निर्णय लेकर महापुरुष को श्रद्धांजलि अर्पित की है.
विश्व में प्राप्त किया स्थान
विकास पचौरी ने आगे कहा कि हम पूर्व के छः वर्षों से रक्त समूह परीक्षण के क्षेत्र में अभियान को लेकर मिशन पर निरंतर काम कर रहे थे. उन्होंने बताय कि इस अभियान में लक्ष्मीकांत जी का नाम जुड़ते ही मात्र 17 दिन में हुए परीक्षणों से यह रिकॉर्ड विश्व में अपना स्थान प्राप्त कर गया. अपने संबोधन के दौरान पचौरी ने सिरोंज के नागरिकों से वादा करते हुए कहा कि मानव कल्याण के क्षेत्र में जब कभी भी उनकी आवश्यकता होगी. तो वह सदैव उपस्थित रहेंगे.