उमरिया। दुनिया भर में बाघों के आस्तित्व को बचाए रखने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, इसी कड़ी में भारत सरकार केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय देश के 51 टाइगर रिजर्व में टाइगर कॉरीडोर विकसित करने का काम कर रहा है, जिसकी शुरुआत मध्यप्रदेश के दो बड़े टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ और संजय के बीच की गई है.
टाइगर कॉरीडोर के तहत बिगड़े वनों को सुधारकर और पौधरोपण कर वनों को सघन बनाने का काम किया जा रहा है, जिसके लिए शहडोल वन वृत्त के उत्तर-दक्षिण अनूपपुर और उमरिया वनमंडल को शामिल किया गया है. इस योजना की खास बात यह है कि टाइगर कॉरीडोर बनने से बाघों का आवागमन दूसरे वन क्षेत्रों में हो सकेगा और जीन एक्सचेंज से बाघों का अस्तित्व लंबे समय तक बचाया जा सकेगा. हालांकि इस पहल को लेकर वन्य जीव विशेषज्ञों ने बाघों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं.