उमरिया। वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे देश मे कोहराम मचा रखा है. यह बीमारी बेकसूरों की जान तो ले ही रही है, उनसे रोजगार भी छीन रही है. इस तरह से जनता को कई मोर्चों पर जूझना पड़ रहा है. विकराल रूप ले रहे संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने अब बांधवगढ़ नेशनल पार्क में पर्यटन 26 से 30 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है. सूत्रों के मुताबिक 30 अप्रैल को कोरोना कर्फ्यू की स्थिति को देखते हुए इस विषय मे आगे कोई निर्णय लिया जाएगा.
- कैसे पले परिवार
महामारी ने बांधवगढ़ मे पर्यटन और इस पर आश्रित सैकड़ों परिवारों पर करारा प्रहार किया है. पिछले वर्ष कोरोना की वजह से पार्क में पर्यटन पूरे 15 जून तक ठप्प रहा. इस साल फिर वैसी ही स्थिति बन होती दिख रही है. दरअसल क्षेत्र के कई युवा बांधवगढ़ में पर्यटकों के लिए जिप्सी संचालित करते हैं कई वाहन चालक, गाइड और वहां की होटलों में नौकरी जैसे कार्यों के जरिये अपना जीवन यापन कर रहे हैं. बहुत सारे लोगों के अपने भोजनालय हैं जबकि होटल, रिसोर्ट आदि मे दूध सप्लाई भी यहीं के ग्रामीणों द्वारा होता है. अब इन सब परिवारों पर बेरोजगार होने का संकट मंडरा रहा है. उनका मानना है कि बीते डेढ़ वर्ष से कोरोना ने वैसे भी सैलानियों का आना-जाना ना के बराबर कर दिया है. जैसे ही मामला पटरी पर आता दिखा, बीमारी फिर से धमक पड़ी, उन्हें चिंता है कि यदि यह बंदी लंबा खिंची तो उनके सामने परिवार का पेट पालना मुश्किल हो जाएगा. पार्क पर आश्रित लोगों की मांग है कि इस विकट स्थिति को देखते हुए सरकार बांधवगढ़ के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे अन्यथा इससे पार पाना सम्भव नहीं है.