उज्जैन। देश भर में आज से वैक्सीन की शुरुआत हो चुकी है. पहले ही दिन प्रत्येक केंद्र पर 100 व्यक्तियों के हिसाब से देश भर में 3 लाख 37 हज़ार 15 स्वास्थ्य कर्मी फ्रंट लाइन योद्धाओं को टीका लगाना है. विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल की नगरी में भी इसी की शुरुआत उत्सव के रूप में हुई है. सबसे पहले भस्म आरती के बाबा महाकाल का विशेष अभियान को सफल बनाने के लिए पूजन अभिषेक किया गया.
लापरवाही सामने आई
टीकाकरण के मामले में सबसे बड़ी लापरवाही के सामने आई, जहां सबसे पहले टीका लगवाने वाले सफाई कर्मचारी कैलाश सिसोदिया आईडी (पहचान पत्र) लाना भूल गए, जबकि स्पष्ट निर्देश है कि कोविड-19 में लाभार्थी के नाम की जांच पहचान पत्र में मिलान के बाद ही होनी है. लाभार्थी की पहचान नहीं मिलती है तो उसे सपोर्ट स्टॉफ के पास भेजकर एआईएफआई होने पर कोविन मोबाइल ऐप की रिपोर्ट कराना आना अनिवार्य है. ऐसा कुछ देखने को यहां नहीं मिला. साथ ही आईपैड से ऑनलाइन वेरिफिकेशन किया जा रहा था, वो भी बंद हो गया, जिसके बाद रजिस्टर में एंट्री करना शुरू किया गया.
जिले में सबसे पहले टीका जिला चिकित्सालय में 1980 से कार्यरत सफाई कर्मचारी को पहला टीका लगया गया, वहीं दूसरा टीका जिले के सीएमएचओ महावीर खंडेलवाल को और तीसरा टीकाकरण अधिकारी पीएन वर्मा को लगाया गया. बता दें जिले में कुल पांच केंद्र बनाए गए हैं जिसमें से दो शहरी और तीन ग्रामीण क्षेत्र में थे.
फेज वन की शुरुआत में सर्वप्रथम सफाई कर्मी स्वास्थ्य कर्मी को प्राथमिकता दी गई है, जिसमें एक दिन में 500 योद्धाओं को टीका लगेगा. सभी को 28 दिन के अंदर दूसरा टीका भी लगना है. संख्या की बात करें तो इसके लिए 12 हजार 411 चिन्हित किए गए हैं. कल हुई प्रेस कांफ्रेंस में बताया गया था कि जिले में 15 हजार 300 डोज की खेप प्राप्त हुई थी.