उज्जैन।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) बुधवार को उज्जैन (Ujjain) पहुंचे, यहां पहुंच कर सबसे पहले उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में भगवान महाकाल (Bhagwan Mahakal) का आशीर्वाद लिया. इस दौरान उन्होंने भगवान का पंचामृत पूजन भी किया. भगवान महाकाल का दूध, दही, जल, शहद से अभिषेक करने के बाद संघ प्रमुख महाकाल में चल रहे सुजलाम जल महोत्सव में शामिल होने पहुंचे.
पानी के व्यय को बढ़ाती है पशु हत्या:सम्मेलन के सारस्वत सत्र में मोहन भागवत ने कहा कि, पशु हत्या पानी के व्यय को बढ़ाती है. उन्होंने कहा कि खाने की बात किसी पर लादी नहीं जा सकती. धीरे-धीरे मन बदलता है. अपने यहां मांसाहार करने वाले लोग संयम में रहकर ही मांसाहार करते हैं. कई लोग श्रावण मास में और गुरुवार को मांसाहार नहीं करते. ऐसे मांसाहारी हैं, तो भी भारतीय हैं. उन्होंने खुद को संयम की परत में रखा है. मैं उनका समर्थन नहीं कर रहा हूं और ना निषेध कर रहा हूं. शाकाहार होना वैज्ञानिक दृष्टि से अच्छा है.
मांसाहार से बढ़ती है पानी की खपत:भागवत ने कहा कि मांसाहार से पानी की खपत बढ़ती है, लेकिन अब उसकी इंड्रस्ट्री हो गई, कत्लखाने हो गए. उसमें होने वाली प्रोसेस में तो अनाप-शनाप पानी खर्च होता है. प्रदूषण भी बढ़ता है. हालांकि इसमें किसी का दोष नहीं, लेकिन इससे खुद को दूर करना पड़ेगा. जिनकी इंडस्ट्री है, वो आखिर में मानेंगे. अगर मेरी मीट प्रोड्यूसिंग इंडस्ट्री है, तो मैं तभी मानूंगा, जब बनाया हुआ मीट खपेगा ही नहीं, ऐसा तब होगा जब कोई मांसाहार करेगा ही नहीं.