उज्जैन। कोरोना काल में भी लोग अवैध कमाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे ही एक मामला उज्जैन में सामने आया है. प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नहीं लगाने वालों पर कार्रवाई कर रहा है. इसी का फायदा उठाते हुए नगर निगम के नाम से अवैध वसूली करने के लिए राजस्थान के जयपुर निवासी किंचित ने नगर निगम के फर्जी रसीद और पंपलेट छपवाने के लिए प्रिंटिंग प्रेस को ऑर्डर दिया था, लेकिन उसकी योजना सफल होती उसके पहले ही किंचित को और प्रिंटिंग प्रेस संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
नगर निगम के नाम पर अवैध वसूली की तैयारी कर रहा था राजस्थान का युवक, पुलिस ने किया गिरफ्तार
उज्जैन में नगर निगम के नाम पर वसूली करने की तैयारी कर रहे युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पांच हजार पंपलेट जब्त किए हैं.
मामले की जानकारी लगते ही निगम आयुक्त के निर्देश पर गिरफ्तार कर लिया पुलिस ने आरोपियों से पंपलेट और रसीद जब्त कर लिया है. जानकारी देते हुए सीएसपी अरविंद वर्मा ने बताया कि राजस्थान जयपुर के सांगानेर निवासी किंचित ने स्वयं को नगर निगम अधिकारी बताते हुए गुरु नानक मार्केट के पीछे साईं कृपा प्रिंटिंग प्रेस पर 22 जुलाई को 5 हजार पंपलेट छपवाने थे. पंपलेट नगर निगम से जुड़े हुए थे. जिस पर कोरोना संक्रमण जागरूकता से संबंधित जानकारी दी गई थी. इसके अलावा किंचित ने 1 हजार चालान रशीद भी छपवाई थी.
प्रिंटिंग प्रेस संचालक विकास मिश्रा ने किंचित के झांसे में आकर पंपलेट और रसीद कट्टे छाप दिए. इसके बाद विकास ने उन्हें वाइंडिंग के लिए दिया था रशीद कट्टे जब वाइंडिंग के लिए पहुंचे तो वहां किसी नगर निगम के कर्मचारी ने देख लिया. शक होने पर कर्मचारी ने इसकी जानकारी नगर निगम आयुक्त सुबोध जैन से कर दी. मामले को गंभीरता से लेते हुए सहायक आयुक्त सुबोध जैन ने तुरंत इसकी शिकायत माधवनगर थाने में की. इसके बाद एसआई जितेंद्र सिंह सोलंकी ने वाइंडिंग करने वाला और प्रिंटिंग प्रेस संचालक विकास के साथ किंचित को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से पांच हजार पंपलेट जब्त किए हैं. नगर निगम के रसीद कट्टे अगर आरोपी तक पहुंच जाते तो वहां मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अवैध वसूली कर सकता था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.