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MP Seat Scan Tarana:: 15 साल बाद बीजेपी से छीनी थी सीट, अब बचाने की चुनौती

Tarana Vidhan Sabha Seat: चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे उज्जैन जिले की तराना विधानसभा सीट के बारे में. जहां भाजपा और कांग्रेस में बराबरी की टक्कर है. आप ऐसे समझ सकते हैं कि 1962 से 2018 तक यहां 7 बार भाजपा तो 6 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. आइए जानते हैं इस सीट का पूरा समीकरण...

MP Seat Scan Tarana
तराना विधानसभा सीट

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Published : Jul 28, 2023, 9:25 PM IST

उज्जैन। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी सत्ता बचाने के लिए बीजेपी उन सीटों पर खास फोकस कर रही है, जो बीजेपी की परंपरागत सीट रही है, लेकिन 2018 के चुनाव में वह हाथ से निकल गईं थीं. मध्यप्रदेश की ऐसी ही एक सीट है उज्जैन जिले की तराना विधानसभा सीट. लगातार तीन चुनावों से कब्जा जमाए बैठी बीजेपी से यह सीट 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने छीन ली थी, आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी अपनी पुरानी सीट पाने की कोशिश में जुटी है. वहीं कांग्रेस तराना विधानसभा सीट पर अपनी पकड़ और मजबूत करने की कोशिश कर रही है.

तराना सीट का गणित

तराना विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास:उज्जैन जिले की 7 विधानसभा सीटों में से एक तराना विधानसभा सीट पर पहला चुनाव साल 1962 में हुआ था. पहला चुनाव का कांग्रेस के माधव सिंह ने 8 हजार 104 वोटों के अंतर से जीता था. 1962 से लेकर अभी तक 13 विधानसभा चुनाव हुए हैं, इसमें 7 विधानसभा चुनाव बीजेपी और 6 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.

तराना सीट पर मतदाताओं की संख्या

पिछले 28 सालों में यानी 1990 से 7 विधानसभा चुनाव में से 5 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां बाजी मारी है, बीजेपी ने 1990, 1995, 2003, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल की है. जबकि कांग्रेस ने इन 7 चुनाव में सिर्फ 2 बार यानि 1998 और 2018 का विधानसभा चुनाव जीता है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के महेश परमार ने बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल फिरोजिया को 2209 वोटों से हराया था.

कुछ और सीट स्कैन यहां पढ़ें...

कांग्रेस फिर कर सकती है उम्मीदवार रिपीट:तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार को नगरीय निकाय चुनाव में उज्जैन से महापौर पद के लिए कांग्रेस ने चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन वे चुनाव जीत न सके. हार की एक बड़ी वजह पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी बताई जाती है. बताया जाता है कि उज्जैन के बड़े कांग्रेस नेताओं ने अधूरे मन से चुनाव में काम किया, क्योंकि उन्हें भय था कि महेश परमार यदि चुनाव जीते तो बाकियों का कद घट जाएगा. हालांकि महेश परमार विधायक बनने से पहले उज्जैन जिला पंचायत के तीन बार सदस्य और एक बार अध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए तराना विधानसभा से महेश परमार को पार्टी फिर चुनाव मैदान में उतार सकती है.

तराना सीट का 2018 का रिजल्ट

तराना विधानसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या:तराना विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है, इस सीट पर बलाई और गुज्जर समाज का खासा प्रभाव है. इस विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 83 हजार 6 हजार 91 है, इसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 93 हजार 497 और महिला मतदाताओं की संख्या 90 हजार 187 और अन्य की संख्या 7 है.

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