उज्जैन।12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर मंदिर का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है. माना जाता है भगवान शिव के इस धाम में कोई भी त्योहार भारत से पहले महाकाल मंदिर में बनाया जाता है. यदि कोई श्रद्धालु भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ा दे तो उसी से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी हो जाती है. महाशिवरात्रि पर्व पर महाकाल मंदिर में 9 दिनों तक अलग-अलग रुपों में भगवान महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देते हैं.
Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर महाकाल की नगरी में उमड़ेगा जनसैलाब, 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना
18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व है. माना जा रहा है कि उज्जैन महाशिवरात्रि पर्व पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है.
उज्जैन में सुरक्षा बल तैनात:महाकाल मंदिर महाशिवरात्रि पर्व को लेकर श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है. जिसको लेकर महाकाल प्रबंधक समिति और उज्जैन जिला प्रशासन की ओर से तमाम व्यवस्था की गई है. जिसमें 16 जगह कार पार्किंग से लेकर जूता स्टैंड, खोया पाया केंद्र, 10 लड्डू प्रसादी काउंटर व श्रद्धालुओं के लिए पानी की बोतल दी जाएगी. श्रद्धालुओं के लिए अन्य सुविधाएं भी कर रखी है. जिसमें जिला प्रशासन ने 2000 से अधिक सुरक्षा का बल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए लगा है. वहीं 12सौ के आसपास नगर सैनिक लगाए हुए हैं. वहीं पुलिस सीसीटीवी कैमरे की मदद से श्रद्धालुओं पर और अन्य गतिविधियों पर नजर बनाए रखी है. वहीं श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द दर्शन लाभ मिल सके. इसके लिए 3 लाइन में श्रद्धालुओं को चलाया जाएगा. जिससे कम समय में एक साथ 6 लोग दर्शन कर सकेंगे. वहीं बाहर निकलते ही मंदिर से बड़े गणेश होते हुए हर सिद्धि मार्ग से होते हुए श्रद्धालुओं को बाहर किया जाएगा. जिससे जाम की स्थिति पैदा ना हो और श्रद्धालुओं को आने जाने में असुविधा ना हो.
15 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की आशंका: महाशिवरात्रि पर्व पर सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने गोपेश्वर धाम में रुद्राक्ष का आयोजन रखा था. जिसमें अलग-अलग राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए. उज्जैन में भी अब श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने लगी है, प्रशासन द्वारा यहां यहां कार पार्किंग बनाई है. वहां सभी कार पार्किंग अब फुल होने लगी है. वहीं प्रशासन का मानना था कि 10 लाख से अधिक श्रद्धालु उज्जैन आएंगे, लेकिन इस हिसाब से उज्जैन की ओर रुख कर रही है. उससे लग रहा है कि यह आंकड़ा 15 लाख के आसपास पहुंच सकता है. वहीं श्रद्धालुओं को अब काफी पैदल भी चलना पड़ रहा है, क्योंकि जगह-जगह जाम की स्थितियां पैदा होने लगी है. वहीं श्रद्धालु रेल मार्ग के माध्यम से भी उज्जैन पहुंच रहे हैं. वहीं बस के माध्यम से भी और अपने निजी वाहनों से भी श्रद्धालु उज्जैन आ रहे हैं.