उज्जैन।800 साल बाद एक ऐसी घटना का संयोग बन रहा है. जिसे आम इंसान भी सूर्य अस्त होने के बाद घर की छत से आसमान में तारे के रूप में 05:45 से 06:30 समय के अंतराल में देख सकेगा. वहीं एक और घटना जिसमें 21 व 22 दिसंबर को दिन छोटे व रात बड़ी का संयोग हर वर्ष केवल एक ही दिन होती है. यह घटना इस बार 2 दिन एक साथ होगी. घटना को जीवाजी वेधशाला में शंकु यंत्र के माध्यम देखा जा सकेगा.
जीवाजी वेधशाला
सभी जानते हैं कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है और इसी प्रक्रिया के कारण सूर्य की स्थिति हमें अलग-अलग रेखाओं पर दृष्टिगत होती दिखती है. इस बार 21 और 22 दिसंबर के दिन सूर्य की स्थिति मकर रेखा पर दृष्टि गोकर होती दिख रही है. 21 दिसंबर को सूर्य क्रांति 23 डिग्री 26 मिनट और 11 सेकेंड का है. 22 दिसंबर को 23 डिग्री 26 मिनट व 9 सेकंड का है. लगभग दोंनो दिन एक जैसी स्थिति है. सूर्य मकर रेखा में लंबित दिख रहा है और दोनों ही दिन का समय 10 घंटे 41 मिनट है. वहीं रात 13 घंटे 19 मिनट की है. मतलब रात सबसे बड़ी है और दिन छोटे.