उज्जैन। शहर में कोरोना से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अगर सरकारी आकंड़ों की बात करें, तो एक अप्रैल से 22 अप्रैल तक 24 मौत कोरोना से हो चुकी है, लेकिन श्मशान में जल रही चिता के अनुसार ये आंकड़ें करीब 8 गुना ज्यादा है, जिनको संदिग्ध या संक्रमित होने के बाद भी नेगेटिव बताकर अंतिम संस्कार कर दिया गया. शहर में ऐसे ही आदर्श विक्रमनगर निवासी शासकीय शिक्षिका मंजुला जैन, बिजली विभाग से सेवानिवृत्त पति संतोष जैन, बेटी और देवास में रहने वाले संतोष जैन के पिता की कोरोना से मौत हो गई. महज एक सप्ताह के भीतर पूरा परिवार खत्म हो गया. घर की देखरेख तक करने वाला कोई नहीं बचा. मृतक के दोस्त भी संक्रमित है. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की है.
तीन अप्रैल को संतोष जैन के पिता का कोरोना संक्रमित होने की वजह से देवास में निधन हो गया. उज्जैन आने के बाद आठ अप्रैल को मंजुला जैन को बुखार आया. जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई. उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन दो दिन बाद यानी 10 अप्रैल को मंजुला का निधन हो गया. उनके अंतिम संस्कार के बाद संतोष जैन की तबीयत खराब हुई. इसके बाद पिता और बेटी ने सैंपल दिया, तो दोनों पॉजिटिव आए. संतोष जैन को निजी अस्पताल में एडमिट किया गया, जबकि बेटी को देवास के अस्पताल में भर्ती किया गया. इस बीच 16 अप्रैल को संतोष का निधन हो गया. 19 अप्रैल को बेटी ने भी दम तोड़ दिया. तीनों का प्रशासन ने ही कोरोना गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्कार कर दिया.
एमपी : कोरोना मरीज की तीन बार मौत, दो बार जिंदा निकला, तीसरी बार सच हुई घोषणा