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इस संग्रहालय में रखे सामान बता रहे हजारों साल पुराना इतिहास

महिदपुर तहसील में एक ऐसा संग्रहालय है, जहां करीब ढाई हजार साल पुरानी मुद्राओं और वस्तुओं को देखा जा सकता है. जिनमें मुगलकाल से लेकर आजादी की लड़ाई के समय तक की वस्तुएं संजोकर रखी गई हैं.

महिदपुर का अश्विनी शोघ संस्थान

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Published : Aug 1, 2019, 3:32 PM IST

उज्जैन। किसी भी शहर का इतिहास उस शहर की पहचान होती है. उसी इतिहास को महिदपुर के अश्विनी शोघ संस्थान में संजोकर रखा गया है. जहां प्राचीन काल की वस्तुओं और सिक्कों का संग्रह किया गया है.
जिले से 50 किमी दूर महिदपुर शहर के अश्विनी शोघ संस्थान में करीब ढाई हजार साल पुरानी मुद्राओं को देखा जा सकता है. इस संग्रहालय में मौर्य, मुगल साम्राज्य, अशोक, सात वाहनों, कुषाणों, गुप्त, परमार कालीन युग की मुद्राएं एवं वस्तुएं देखी जा सकती हैं. साथ ही अंग्रेजी शासन और स्वतंत्र भारत की प्राचीन मुद्राएं भी यहां देखने को मिल जाती हैं.

इस संग्रहालय में रखे सामान बता रहे हजारों साल पुराना इतिहास
इस प्राचीन संग्रहालय में पुराने बर्तन, पानदान, स्याही की दवात, लोहे की कलम, घंटियां, पुराने रथ, ताला-चाबी और पुरानी मुर्तियां शामिल हैं. आजादी के समय के खिलौने जैसे- धातु की तोप, बंदूकें, हाथी, घोडे़, शेर, बारूददानी, इत्रदानी यहां आसानी से देखा जा सकता है.ऐसा कहा जाता है कि क्षिप्रा के तट पर बसा ये शहर 4 हजार वर्ष पुराने सिंघु घाटी सभ्यता का समकालीन है. जिसका प्रमाण भस्मा टेकरी की खुदाई में निकले प्राचीन बर्तनों से मिलता है. मध्य भारत क्षेत्र में सोना इसी शहर में मिला था, जिसका वर्णन ऋगवेद में किया गया है. यहां मालवा के सुल्तानों के बनवाए मुगलकालीन किले हैं, तालाकुची की बावड़ी और नया किला इस शहर के प्राचीन स्मारक हैं.

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