टीकमगढ़। शहर के एक पार्क में गांधी की प्रतिमा स्थापित है, मगर इस प्रतिमा से गांधी का चश्मा गायब है और ये चश्मा आज गायब नहीं हुआ बल्कि ये करीब 20 साल से गायब है. फिर भी आज तक किसी जनप्रतिनिधि,अधिकारी और कर्मचारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. जबकि ये पार्क शहर का सबसे बड़ा पार्क है.
टीकमगढ़ के एक पार्क में 20 साल से बिना चश्मे के बैठे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी - Tikamgarh Municipality
टीकमगढ़ के सबसे बड़े पार्क में बापू की प्रतिमा बिना चश्मे के स्थापित है, फिर भी नगरीय प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
महात्मा गांधी का चश्मा महज मामूली चश्मा नहीं है बल्कि उनके प्रतीक चिन्ह के रूप में माना जाता है. फिर भी इस ओर नगरीय प्रशासन का ध्यान ना देना उनकी लापरवाही साफ दिखाता है. इस मामले पर नगर पालिका सीएमओ एमएम सिद्दिकी से जब पूछा गया तो वो गलती पर पर्दा डालते नजर आए, उनका कहना है कि 'गांधी जी का चश्मा लोहे का है और इसी वजह से वो चोरी हो सकता है, इसलिए उसे उतारकर रख दिया जाता है और जब कोई जयंती होती तो प्रतिमा को चश्मा पहना दिया जाता है.
बता दें कि इस पार्क का निर्माण टीकमगढ़ के महाराजा वीर सिंह जूदेव ने 1953 में करवाया था और उसी दौरान इस पार्क में गांधी प्रतिमा को लगवाया गया था. इस पार्क का उद्घाटन देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने टीकमगढ़ आकर किया था और बापू की प्रतिमा को चश्मा भी पहनाया था, लेकिन आज बापू बगैर चश्मे के बैठे-बैठे इन लापरवाह जनप्रतिनिधियों और नगरपालिका अधिकारियों को कोसते नजर आ रहे है.