बड़वानी। जिले में स्थित मां कालिका मंदिर रियासत कालीन मंदिर है. इस मंदिर में विराजित माता की प्रतिमा काफी पुरानी है. ये मंदिर राजपरिवार की कुलदेवी का मंदिर है. हर नवरात्रि में परिवार के लोग यहां आकर हवन और पूजने करते हैं. वैसे ही हर साल की तरह इस साल भी राजपरिवार में मां कालका मंदिर हवन किया.
बड़वानी के महाराज ने कुलदेवी मां कालिका के मंदिर में किया हवन- पूजन
बड़वानी नगरी के महाराज व उनके परिवार ने रियासतकालीन कुलदेवी मां कालिका के मन्दिर में पूजापाठ कर हवन किया.
रियासतकालीन इस मंदिर में मां कालिका स्वयंभू होकर पीपल के तने में विराजित हैं. माना जाता है कि माता ने बड़वानी रियासत के महाराज को सपने में दर्शन देकर कुंए से बाहर निकालने की बात कही थी. इसके बाद कुंए में खुदाई कर प्रतिमा को बाहर निकाल कर पीपल के पास छोटे से मन्दिर में स्थापित किया पर कुछ समय बाद प्रतिमा अपने आप पीपल के तने में विराजित हो गई.
इसके बाद राजपरिवार ने यथास्थान (पीपल के तने में) मंदिर बना कर पूजा शुरू कर दी. तब से अब तक वही माता की पूजा की जाती है. वर्तमान में राजपरिवार इंदौर में निवासरत है, रियासत के महाराज मानवेन्द्र सिंह सिसोदिया ने यह हवन किया.