सिंगरौली। शारदीय नवरात्रि के छठवें दिन दुर्गा मां के कात्यायनी रुप की पूजा कि जाती है. माना जाता है कि कात्यायनी देवी का रूप बेहद सरल और सौम्य होता है. विधि विधान से पूजा करने पर मनोवांधित वर मिलता है. पंडित बताते हैं कि मां कात्यायनी देवी अर्थ धर्म काम मोक्ष प्रदान करती हैं.
मां कात्यायनी को समर्पित है नवरात्रि का छठा दिन, जानें पूजा विधि
फिलहाल नवरात्रि चल रही है. नौ दिनों तक मां जगदम्बा के अलग-अलग रुपों की पूजा होती है. छटें दिन की बात करें तो आज मां दुर्गा के कात्यायनी रुप की उपासना की जाती है. विधि विधान से पूजा करने पर भक्तों की मनोकामनाएं मां दुर्गा पूरी करती हैं.
हिंदू धर्म ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार कात्या नाम के एक प्रसिद्ध महर्षि हुआ करते थे. उनकी इच्छा थी उनके घर मां भगवती पुत्री के रुप में जन्म लें, जिसके लिए महर्षि ने बहुत सालों तक कठिन तपस्या करते हुए मां भगवती की उपासना की. जिसके बाद प्रसन्न होकर मां भगवती ने पुत्री के रुप में महर्षि कात्यायन के यहां जन्म लिया. यही वजह है कि उनका नाम कात्यायनी पड़ा.
ऐसे करे मां कि पूजा
लाल वस्त्र बिछाकर मां कि स्थापना करें, साथ ही लाल पुष्प के साथ सभी प्रकार के फल फूल का भोग लगाएं. मां कि विधि-विधान से पूजा करने से सारी मनोकांमना पूरी होने के साथ धन-धान की प्राप्ति भी होती है. इसके अलावा जीवन में खुशहाली भी बनी रहती है.