सिंगरौली। जिले का आरटीओ विभाग दलालों का अड्डा बनकर रह गया है. लोगों का कहना है कि विभाग में काम कराने के लिए रिश्वत या दलालों को कमीशन देना पड़ता है. उन्होंने कहा कि उन्हें काम कराने के लिए 2 से 3 हजार तक चुकाने पड़ते हैं.
सिंगरौली: आरटीओ विभाग बना दलालों का अड्डा, बिना रिश्वत नहीं बनते गाड़ियों के कागजात - सिंगरौली
जिले का आरटीओ विभाग बना दलालों का अड्डा, लोगों का कहना है कि विभाग में काम कराने के लिए रिश्वत या दलालों को कमीशन देना पड़ता है.
लोगों ने कहा कि लर्निंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी की फिटनेस संबंधित दस्तावेज बनाने के लिए दलालों का सहारा लेना पड़ता है, क्योंकि विभाग के अधिकारी इसे बनाते ही नहीं है. दरअसल सिंगरौली में आरटीओ विभाग का ऑफिस है, जहां जिले भर के लोग अपना ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी के फिटनेस सहित तमाम कागजात बनवाने आते हैं. लेकिन उनका काम बिना 2-3 हजार रुपए अतिरिक्त खर्च किए नहीं होता.
बड़ी बात यह है कि यह सब आरटीओ विभाग के अधिकारी के नाक के नीचे हो रहा है. यहीं पर आरटीओ विभाग के जिला अधिकारी डीके दुबे का दफ्तर भी है. कई लोगों के द्वारा इस बात की शिकायत भी की गई, लेकिन इसके बावजूद दलालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है. लोगों का कहना है कि आरटीओ विभाग में खुद जाकर कोई काम करवाना चाहे, तो भी ये नहीं हो पाता है. यही वजह है कि दलालों को पैसा देकर काम करवाना पड़ता है. लोगों का कहना है कि अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है.