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फुटपाथ व्यापारियों पर कोरोना की मार, प्रशासन से लगाई मदद की गुहार - sidhi news

कोरोना के इस दौर में जिले के फुटपाथ व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान उनके व्यापार बंद हैं. अब उन्हें दो वक्त की रोटी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. ऐसे में उन्होंने प्रशासन से सहायता मांगी है.

the challenge to feed street vendors
फुटपाथ व्यापारियों के सामने पेट पालने की चुनौती

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Published : May 17, 2021, 11:09 PM IST

सीधी। कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया है. महामारी से बचने के लिए देश के कई राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन लगाया है तो वहीं कहीं करोना कर्फ्यू. इस बीच लोगों को घरों से बाहर निकलने पर सख्त मनाही है. इसी क्रम में सीधी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां भी कोरोना कर्फ्यू लगाया गया है. इस दौरान शहर के सड़कों पर पुलिस पूरी सख्ती के साथ गस्त कर रही है. वह लोगों से अपील कर रही है कि बेवजह अपने घरों से बाहर ना निकलें, बाहर कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है. कोरोना कर्फ्यू के दौरान फुटपाथ पर व्यापार करने वाले व्यपारी सड़कों पर दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

कोरोना से फुटपाथ व्यापारियों में भूखमरी

पूरा मामला यह है...

खबर सीधी से पुराने बस स्टैंड के पास की है. यहां एक फुटपाथ व्यापारी कई वर्षों से चप्पल-जूते सिलने का व्यापार किया करता था. आज इस संकट की घड़ी में वह अपने व्यापार को बचाने में लगा हुआ है. उसका व्यापार उससे अब छिनता हुआ नजर आ रहा है. उसने पुलिसकर्मियों पर उसे परेशान करने का आरोप लगाया है. सीधी शहर के बस स्टैंड में अपनी रोजी-रोटी के लिए वह जूते-चप्पल को सील कर किसी तरह अपना और अपने परिवार का पेट भरता था. इसके लिए उसने वहां अपनी दुकान लगाई हुई थी, लेकिन प्रशासन की टीम ने अब उसे बंद करा दी है. वह अब मजबूर हो गया है. उसके पास ना तो खाने के लिए है और न पीने के लिए. उसने प्रशासन से कई बार मदद भी मांगी, लेकिन अभी तक उसे किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं की गई है.

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सरकर की योजनाएं

सरकार ने फुटपाथ व्यापारियों लिए शासन ने स्ट्रीट वेंडर योजना जैसी कई सारी योजनाएं शुरू की है, लेकिन आज वह धरातल पर नहीं दिखाई दे रही हैं. शासन ने योजना तो बना दी, पर इस बार कोरोना की दूसरी लहर में वह योजनाएं पानी की तरह बहती हुई नजर आ रही हैं. ऐसे में अब कुछ लोगों के पास रोजी और रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है. इसके कारण वह अपने परिवार को दो वक्त की रोटी भी नहीं दे पा रहे हैं.

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