सीधी। सीधी बीरबल की जन्मस्थली मानी जाती है, घोघरा गांव में आज भी देवी का मंदिर मौजूद है. जो सोन नदी के किनारे बसा हुआ है. इन्हीं पहाड़ियों के बीच रेही नदी निकलती है. जहां बीरबल ने तपस्या कर मातारानी से वरदान पाया था. जिस पत्थर पर बीरबल बैठ कर स्नान करते थे. वो पत्थर आज भी मौजूद है. जहां बीरबल जिनका नाम महेश दास और उनके बड़े भाई रघुवरदास तप करते थे.
मंदिर के पुजारी का कहना है कि एक बार मातारानी बीरबल के भाई रघुबर से भोर में मंदिर आने के लिए कहा, कि तुम्हें वरदान दूंगी, देवी की बात बीरबल ने सुन ली और रघुबर के पहुंचने से पहले बीरबल मंदिर पहुंच गए, जिन्हें देवी ने वरदान दिया कि तुम जो बोलेंगे वह सच होगा.
बीरबल जो बोलते थे, वो सच हो जाता था
देवी के वरदान की परीक्षा लेने के लिए बीरबल नदी में पहुंच गए और मछुआरों से पूछा कि तुम लोग क्या मार रहे हो तो मछुआरे बोले कि मछली मार रहे है, तभी बीरबल बोले,तुम लोग मछली नही बल्कि तीतर मार रहे हो, मछुआरों ने जाल पानी से बाहर निकाला तो मछली की जगह तीतर निकले, तब से लेकर बीरबल चर्चित होने लगे और रीवा राजा ने उन्हें अपने दरबार मे रख लिया. बाद में अकबर के दरबार में बीरबल नवरत्न बन कर विख्यात होते गए. बीरबल की खासियत थी कि वो जो बोलते थे वो सच होता था.