सीधी। कलेक्टर का तबादला हो जाने के बाद की जनसुनवाई बिना राजा की फौज जैसी हो गई है, ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करने की बात तो की जाती है, पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
सीधी: जनसुनवाई में नहीं हो रहा लोगों की शिकायतों का समाधान
सीधी जिले में कलेक्टर की जनसुनवाई डिप्टी कलेक्टर ने की,जहां दूर-दूर से ग्रमीण अपनी समस्या लेकर पहुंचे थे.
जनसुनवाई में लोगों की समस्याएं सुनने डिप्टी कलेक्टर पहुंचीं, जहां लोगों ने अपनी समस्याओें के आवेदन दिए, डिप्टी कलेक्टर माला त्रिपाठी ने जिला पंचायत कार्यालय में पहुंचकर लोगों ने उनकी समस्याएं सुनी, लेकिन ज्यादातर शिकायतों का निपटारा नहीं हुआ, जिसकी वजह से फरियादियों को निराशा हाथ लगी.
दूर-दूर से ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर पहुंचते हैं, ताकी उनकी समस्या का निराकरण हो सके, लेकिन ऐसा होता नहीं है,100 में से 10 लोगों की ही समस्या का समाधान होता है. सुनवाई में अधिकतर मामलें जमीनी विवाद को लेकर रहते हैं, जिनका निपटारा जनसुनवाई में संभव नहीं होता है. वहीं अधिकारी या तो मोबाइल चलाते दिखते हैं या आराम फरमाते नजर आते हैं.