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MP Shivpuri Fraud: 30 हजार जमा करने पर 8 हजार हर माह देने का झांसा देकर 15 करोड़ ठगे - महिलाओं से 15 करोड़ ठगकर कंपनी गायब

शिवपुरी में डेढ़ हजार महिलाओं से 15 करोड़ ठगकर एक कंपनी गायब हो गई. कंपनी के लोगों ने महिलाओं को झांसा देकर गुप लीडर बनाया और इनके जरिए लगातार चेन बनाईं. झांसा दिया गया कि 30 हजार जमा करने पर हर माह 8 हजार मिलेंगे. कुछ माह ये राशि दी गई लेकिन जैसी ही कंपनी के पास अमाउंट करोड़ों में जमा हो गया तो कंपनी के दफ्तर में ताला लगाकर ठग फरार हो गए.

MP Shivpuri Fraud 15 crore
8 हजार हर माह देने का झांसा देकर 15 करोड़ ठगे

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Published : May 20, 2023, 4:24 PM IST

8 हजार हर माह देने का झांसा देकर 15 करोड़ ठगे

शिवपुरी।जिले में एक प्राइवेट कंपनी ने 30 हजार रुपये जमा करके कंपनी के सदस्य बनकर घर बैठे 8 हजार रुपये महीने कमाने का झांसा देकर ठगी की. ये कंपनी करोड़ों रुपये लेकर भाग गई. जैसे ही कंपनी के भागने के बारे में लोगों को पता चला तो गुना बायपास रोड स्थित कंपनी के कार्यालय पर भीड़ जमा हो गई. सूचना मिलने पर तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. प्रशासन ने कंपनी के आफिस को सील कर दिया है. साथ ही यहां पर सूचना पत्र भी चस्पा कर दिया है.

डेढ़ हजार महिलाओं से ठगी :बताया जा रहा है कि कंपनी ने डेढ़ हजार से अधिक महिलाओं से 15 करोड़ रुपये से भी अधिक की ठगी की है. पीड़ित लोगों ने बताया कि आर्टिशन कंपनी ने कुछ समय पहले शिवपुरी में काम करना शुरू किया था. यह कंपनी चंद्रशेखर वर्मा पुत्र पन्नालाल निवासी महोबा, उत्तरप्रदेश के नाम से थी. इसके द्वारा लोगों को योजना बताई गई कि 30 हजार रुपये जमा करने पर 8 हजार रुपये महीने दिए जाएंगे. शहर की गणेश कॉलोनी निवासी पूनम लोधी ने बताया कि उसने 45 हजार रुपये इसी महीने ग्रुप लीडर हेमलता राठौर के जरिए कंपनी में जमा कराए.

कुछ महिलाओं को ग्रुप लीडर बनाया :पीड़ित महिला ने बताया कि उसने दो प्लान लिए थे और 8 हजार रुपये ही वापस मिल पाए हैं. पूनम ने बताया कि कंपनी के पास 30 हजार रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक के प्लान थे. कंपनी ने पूरी एक चैन बनाकर ठगी की. शुरू में कुछ महिला हितग्राही जोड़ीं और उन्हें कुछ महीनों तक भुगतान दिया. वहीं 30 हजार के प्लान पर 6 से 8 हजार रुपये मिलते थे. महाराणा प्रताप कॉलोनी निवासी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि उसने अपनी पत्नी के नाम पर 30-30 हजार के दो प्लान लिए थे. उनके परिचित का रोहित पाराशर यहां काम करता था. उससे योजना के बारे में पता चला. इसके बाद इनमें से कुछ महिलाओं को ग्रुप लीडर बना दिया गया और उनके जरिए महिलाएं जोड़ीं.

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पहले से दर्ज है एफआईआर :एक-एक ग्रुप लीडर ने अपनी पहचान की 50 से 60 महिलाएं कंपनी के साथ जोड़ दीं. जैसे ही कंपनी के पास उससे जुड़ने वालों की संख्या काफी अधिक हो गई तो कंपनी काम समेट कर भाग गई. कंपनी की पोल 13 मई को ही खुल गई थी, जब कंपनी के मालिक चंद्रशेखर पर कोतवाली थाना में धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज की गई थी. इस मामले में एक एफआईआर पहले से दर्ज है और उस पर कार्रवाई भी चल रही है. इस बारे में कोतवाली थाना प्रभारी अमित भदौरिया का कहना है कि जैसे-जैसे और लोग शिकायत करने आएंगे तो उनके कथन बढ़ा लिए जाएंगे. मामले की जांच की जा रही है.

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