श्योपुर। कहते हैं कि जल है तो कल है, जिसे लेकर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के हर जिले में पेयजल परीक्षण अभियान चलाया गया. श्योपुर में 25 सितंबर से शुरू हुए पेयजल परीक्षण एवं स्वच्छता पखवाड़ा और जल परीक्षण अभियान का रविवार को समापन हो गया. श्योपुर में 15 दिनों तक चलाई गये अभियान के दौरान 622 नलकूपों की सफाई और उनके पानी का परीक्षण किया गया. इस दौरान पीएचई विभाग ने गांव-गांव में बाल सेनाएं बनाई हैं. जिनके द्वारा गांव-गांव को साफ और स्वच्छ बनाने और गंदगी फैलाने वालों को रोकने के लिए शपथ दिलाई गई है.
पखवाड़ा समापन के बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने पंचायत सचिव और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को फील्ड टेस्ट किट से प्रशिक्षण दिया. जिसके बाद लोगों को किट बांटी गई. ताकि लोग जल का परीक्षण खुद कर सकें. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की जिला सलाहकार आराधना पाराशर ने पेयजल परीक्षण और स्वच्छता पखवाड़े के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत श्योपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित सभी पेयजल स्रोतों का जल परीक्षण वह उसका स्वच्छता सर्वेक्षण का काम किया है, जीवाणु परीक्षण के लिए उस स्रोत के जल नमूने को जिला प्रयोग शाला और खंड प्रयोगशाला भेजा गया है, जिसमें लगभग 20 नलकूपों में हार्डनेस पाया गया है. हार्डनेस को कम करने के लिए क्लोरीन को पानी में डाला जाए या जल को उबालकर पियां जाए. ताकि हार्डनेस को कम किया जा सके.