श्योपुर। जिले के सरकारी अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है. वहीं डॉक्टर्स और स्टाफ की लापरवाही के कारण मरीजों की जान पर बन आई है. ताज़ा मामले में अस्पताल की नर्सों ने बिना रिपोर्ट देखे ही एक गर्भवती महिला को गर्भपात कराने की सलाह दे डाली. गनीमत ये रही कि उनकी यह लापरवाही सही समय पर सामने आ गई, वरना नर्सों की लापरवाही से एक मासूम को जिंदगी मिलने से पहले ही मौत के घाट उतार दिया जाता.
दुनिया में आने से पहले ही गर्भस्थ शिशु को थी मारने की तैयारी, जिला अस्पताल की लापरवाही उजागर
श्योपुर जिला अस्पताल में एक गर्भस्थ शिशु की जान जाते-जाते बची. दरअसल नर्सों ने बिना सोनोग्राफी रिपोर्ट देखे ही गर्भवती महिला को गर्भपात कराने को कह दिया. वो तो गनीमत रही कि वक्त पर नर्सों की गलती सामने आ गई और गर्भस्थ शिशु की जान बच गई.
दरअसल भेरू खेडली की रहने वाली गर्भवती महिला रीना वैरवा और उसका पति जांच के लिए श्योपुर जिला अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में सोनोग्राफी हुई और रिपोर्ट भी नॉर्मल आई, लेकिन अस्पताल की नर्सों ने उन्हें प्रेग्नेंसी में कुछ समस्या बताकर महिला को गर्भपात कराने को कह डाला. महिला घबरा गई और रोने लगी. पीड़ित दंपति ने ऑपरेशन के लिए हामी भर दी. इधर अस्पताल में महिला के ऑपरेशन की तैयरियां की जा रही थी, उधर पति कुछ सामान लेने बाहर चला गया. पति-पत्नी कम पढ़े-लिखे थे, इसलिए वे रिपोर्ट को नहीं समझ सके.
इधर महिला के पति विनोद को रास्ते में उसके एक पढ़े-लिखे परिचित मिले. विनोद ने रिपार्ट दिखाकर अपनी समस्या उन्हें बताई. रिपोर्ट देखने के बाद उन्हें कुछ संदेह हुआ और उन्होंने विनोद को दोबारा जांच कराने को कहा. विनोद दौड़कर अस्पताल वापस आया और दोबारा रिपोर्ट डॉक्टर को चेक कराया. डॉक्टर ने सभी रिपार्ट को नॉर्मल बताया. जब डॉक्टर ने इस लापरवाही के बारे में नर्सों से बात की, तो वह इसी नाम की दूसरी महिला का अबॉर्शन होने की बात कहकर वहां से चली गई. अब इस घटना से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल की स्थिति क्या है.