श्योपुर।विजयपुर के पूर्व विधायक एवं मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है. 4 दिन पहले उनके निर्माणाधीन पेट्रोल पंप की एनओसी निरस्त किए जाने के बाद सोमवार को कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव ने उनके विजयपुर स्थित स्कूल एवं कॉलेज की जमीन को भी सरकारी घोषित कर दिया है. इस कार्रवाई के बाद दूसरे कांग्रेस नेताओं में हड़कम्प मच गया है. वहीं मध्यप्रेदश कांग्रेस इस बदले की कार्रवाई कह रही है.
रामनिवास रावत पर प्रशासन का शिकंजा 4 दिन पहले ही रामनिवास रावत के श्योपुर शहर में निर्माणाधीन पेट्रोल पंप की एनओसी को जिला प्रशासन ने निराश किया था और निर्माण पर रोक लगाई थी. उसके बाद सोमवार को विजयपुर स्थित स्कूल और कॉलेज की जमीन को सरकारी घोषित कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि रामनिवास का स्कूल व कॉलेज भू-दान भूमि में समिति बनाकर संचालित किया जा रहा था. इसकी समिति का अध्यक्ष रामनिवास रावत के बेटे को बनाया गया था.
भू-दान जमीन का विक्रय वर्जित होने के साथ उस पर बिना अनुमति के कोई निर्माण नहीं किया जाता. इसी को आधार बनाकर कलेक्टर ने इस जमीन को सरकारी घोषित कर दिया है. चर्चा है कि रामनिवास रावत के क्रेशर, ईंट भट्टे और अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जांच प्रशासन कर रहा है और जल्द ही अन्य बड़ी कार्रवाई रावत के खिलाफ की जा सकती है.
रामनिवास रावत के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर कलेक्टर से लेकर जिले के दूसरे आला अफसरों से बात करने के कई बार प्रयास किए गए लेकिन कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. वहीं कांग्रेस के नेताओं ने इस तरह की कार्रवाई को गलत बताया है. साथ ही आरोप लगाया कि ये कार्रवाई द्वेष पूर्ण की जा रही है.
रामनिवास रावत पूर्व में सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते थे, वे विजयपुर से 5 बार विधायक और 1 बार मंत्री रह चुके हैं, लेकिन सिंधिया से अलग होने के बाद प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार होते ही वे प्रशासन के टारगेट पर आ गए हैं.