श्योपुर। विज्ञान के इस युग में भी लोग अंधविश्वास की आस्था से चौतरफा घिरे हैं, यही वजह है कि बड़ौदा तहसील के बड़ौदियाबिंदी गांव में लोग एक बबूल के पेड़ की परिक्रमा कर रहे हैं क्योंकि उन्हें विश्वास है कि ऐसा करने से उनके रोग-दोख मिट जाएंगे, पिछले 15 दिनों से यहां लोगों की भीड़ उमड़ रही है. जहां राजस्थान तक से लोग इस पेड़ की परिक्रमा करने पहुंच रहे हैं.
बबूल का पेड़ बना आस्था का केंद्र, परिक्रमा से असाध्य रोग दूर होने का दावा
मंडला में महुए के पेड़ के बाद अब श्योपुर में बबूल का पेड़ आस्था का केंद्र बना है, जिसकी परिक्रमा लगाने से असाध्य रोग के ठीक होने का दावा किया जा रहा है.
ईटीवी भारत की टीम जब वहां पहुंची तो पता चला कि इसी गांव में रहने वाले रामचरण करीब 45 दिन पहले घर के बागड़ में लगे बबूल से दातून तोड़ रहा था. तभी उसे करंट लगने जैसा महसूस हुआ, जिसके झटके से वह दूर जा गिरा. उसने दोबारा पेड़ को छूने की कोशिश की. जिसके बाद उसे अलग सा महसूस हुआ और दावा किया जाता है कि उसका दमा रोग तुरंत ठीक हो गया.
जिसके बाद उसने ये बात पूरे गांव में फैलाई, इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने भी अपने रोग ठीक होने का दावा किया. तब से ये पेड़ आस्था का केंद्र बना हुआ है. वहीं डॉक्टर इसे कोरा अंधविश्वास बता रहे हैं.