शहडोल। किसी ने सच कहा है कि शुरुआत की जरूरत होती है. एक बार अगर सफलता मिल जाए, तो फिर सारी दिक्कतें और सारी रुकावटें खुद-ब-खुद दूर हो जाती हैं. कुछ ऐसी ही शहडोल में हुआ, क्रिकेट में एक दौर था जब पूजा वस्त्राकर गली क्रिकेट खेलती थी. प्रैक्टिस के लिए लड़कियां नहीं मिलती थी तो लड़कों के साथ प्रैक्टिस करती थी और अब यही पूजा भारतीय महिला टीम के लिए खेल रही हैं. शहडोल में स्पोर्ट्स को लेकर लड़कियों में एक अलग ही क्रेज़ है, अब यहां एक लड़की नहीं बल्कि क्रिकेट के लिए कई लड़कियां हर दिन प्रैक्टिस करने पहुंचती हैं. अब शहडोल की भी पूरी की पूरी महिला टीम है, आखिर कैसे पूजा की सफलता ने बदल दी यहां के वूमन स्पोर्ट्स की तस्वीर.
वर्ल्डकप के पहले ही मैच में प्लेयर ऑफ द मैच
शहडोल की पूजा वस्त्राकर ने कमाल कर दिखाया और वर्ल्ड कप के अपने पहले ही मैच में प्लेयर ऑफ द मैच बनकर इतिहास बना दिया. मौजूदा वर्ल्ड कप में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला मुकाबला खेला, जो हाई वोल्टेज मैच था. जहां भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और 107 रन से बड़ी जीत हासिल की. पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय महिला टीम की ओर से पूजा वस्त्राकर को भले ही गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला, लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी में ही ऐसा कमाल कर दिखाया कि अब उन्हें हर कोई जानने लगा है. पूजा वर्ल्ड कप के अपने पहले ही मुकाबले के बाद स्टार बन चुकी हैं, पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए मुकाबले में पूजा वस्त्राकर ने 59 गेंद में 67 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली. जिसमें उन्होनें 8 चौके जड़े, इसी पारी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया.
एक ही मैच में बन गईं स्टार
शहडोल की बेटी पूजा वस्त्राकर ने वर्ल्ड कप के अपने पहले मुकाबले में ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिसके बाद वह प्लेयर ऑफ द मैच तो बन ही गई हैं. साथ ही साथ पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई इस पारी के बाद अब वह स्टार भी बन गई हैं. उन्हें अब हर कोई जाने लगा है. पूजा वस्त्राकर न केवल गेंदबाजी करती हैं, बल्कि बल्लेबाजी करने में भी माहिर हैं. ऐसा उन्होंने वर्ल्ड कप के अपने पहले ही मैच में पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ पारी खेल कर दिखा दिया है और खुद को साबित भी कर दिया है.
पूजा की सफलता ने बदल दी तस्वीर
शहडोल की रहने वाली पूजा वस्त्राकर जब से भारतीय टीम में पहुंची हैं, उसके बाद से शहडोल क्रिकेट की भी तस्वीर बदल गई है. एक दौर था, जब शहडोल में लड़कियां क्रिकेट बहुत कम खेलती थी. लेकिन जब से पूजा वस्त्राकर ने भारतीय टीम में जगह बनाई है, उसके बाद से शहडोल की लड़कियों की पूरी की पूरी टीम है. आज भी शहडोल में कम से कम 40 से 50 लड़कियां हर दिन अभ्यास करने आती है. अब साल दर साल शहडोल क्रिकेट में लड़कियों की संख्या बढ़ती जा रही है. पूजा की कामयाबी के बाद अब यहां स्पोर्ट्स में लड़कियों को लेकर तस्वीर ही बदल गई है.
WCC में शहडोल की बेटी बनी प्लेयर ऑफ द मैच, 67 रन की पारी में जड़े 8 चौके
गली क्रिकेट से इंडियन टीम तक का सफर
पूजा वस्त्राकर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए उनकी बड़ी बहन उषा वस्त्राकर कहती हैं कि एक दौर था, जब पूजा मोहल्ले में गली क्रिकेट खेला करती थी. टेनिस बॉल से ही क्रिकेट खेलती थी, लेकिन लंबे लंबे शॉट लगाने में माहिर थी और धीरे-धीरे जब वो शहडोल क्रिकेट स्टेडियम तक पहुंची तो वहां क्रिकेट एकेडमी से जुड़ गई. वही से उसके कामयाबी का सफर भी शुरू हो गया और वह अब इंडियन टीम में खेल रही हैं. उषा कहती हैं कि पूजा जब खेलती थी, तब वहां लड़कियां बहुत कम थी. पूजा को मजबूरी में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना पड़ता था, उनके साथ ही अभ्यास करना पड़ता था. अब यह भी एक दौर है कि जब पूजा कामयाब हो चुकी हैं तो शहडोल में क्रिकेट खेलने वाले लड़कियों की भरमार है. अब तो शहडोल क्रिकेट में 15 लड़कियों की एक पूरी मजबूत टीम है. इतना ही नहीं 40 से 50 लड़कियां अब शहडोल क्रिकेट स्टेडियम में हर दिन अभ्यास करने पहुंचती हैं और वह भी पूजा की तरह भारतीय टीम में जगह बनाना चाहती हैं.
कई लड़कियां टीम इंडिया में जगह बनाने को बेकरार