शहडोल। कोरोना काल में हर व्यवसाय पर अच्छा खासा असर देखने को मिला है, बसों का संचालन भी इससे अछूता नहीं रहा है टैक्स माफी के बाद बसों का संचालन जिले में शुरू तो हो गया लेकिन जहां कोरोना काल से पहले जिले से लगभग 120 बसों का संचालन होता था, वहीं अब बसों संचालन शुरू तो हुआ, लेकिन अभी महज 30 से 35 बसें ही चल पा रही हैं. आलम यह है कि कई रूटों पर बसें ही नहीं चल रही हैं, तो लंबी दूरी वाली बसें दो से तीन दिन के अंतराल में चल रही हैं. इसे लेकर भी बस मालिकों का साफ कहना है कि यात्री मिल नहीं रहे, डीजल के दाम भी बढ़े हुए हैं, और किराया बढ़ाया नहीं जा रहा है, तो बसों का संचालन कैसे कर पाएंगे.
जिस तरह से ट्रेन एक बड़ा आवागमन का साधन है, ठीक उसी तरह बस भी आवागमन का एक बहुत बड़ा साधन है, लेकिन इस कोरोना काल में जब बसों का संचालन बंद हुआ, उसके बाद से बसों का व्यबसाय भी अच्छा खासा प्रभावित हुआ है. पहले जहां बसों का संचालन शुरू होने के आदेश के बाद बस मालिक टैक्स माफी की मांग करते रहे और उसके बाद भी लंबे समय तक बसों का संचालन शुरू नहीं हो सका था.
बस ऑनर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष भागवत प्रसाद गौतम का कहना है कि कोरोना काल में बस का व्यवसाय बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है, कोरोना का असर यात्रियों में इतना ज्यादा है कि वह बाहर निकल नहीं रहे हैं, बसों से सफर करना पसंद नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सवारी नहीं मिल रही है, और प्रशासन ने भी 50% किराया बढ़ाने को लेकर कोई फैसला या आदेश जारी नहीं किया है. इस पर बस ऑनर एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है सरकार ने यदि जल्द किराया बढ़ाने का फैसला नहीं लिया, तो पूरे प्रदेश में बस ऑनर एसोसिएशन एक साथ बसों का संचालन बंद कर देंगे.