शहडोल।मध्य प्रदेश का शहडोल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है, और यहां तीन विधानसभा सीट आती हैं. तीनों ही विधानसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने यहां से अपने प्रत्याशियों के नाम काफी पहले ही घोषित कर दिये हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने जैसे ही जयसिंहनगर विधानसभा सीट में अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया, उसके बाद से ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं. अब इसका असर भी दिखने लगा है. भारतीय जनता पार्टी की एक आदिवासी नेता ने पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. जिसके बाद राजनीतिक गलियारे में लगातार चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
जयसिंहनगर प्रत्याशी के विरोध में दिया इस्तीफा:शहडोल जिले के जयसिंहनगर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. जयसिंहनगर विधानसभा सीट में भारतीय जनता पार्टी ने मनीषा सिंह को टिकट दिया है, और जैसे ही मनीषा सिंह के नाम का ऐलान हुआ, उसके बाद से ही विरोध भी होने लग गए हैं. अब भारतीय जनता पार्टी की आदिवासी नेता और वर्तमान में जिला पंचायत उपाध्यक्ष फूलवती सिंह ने पार्टी को अपना इस्तीफा ही सौंप दिया है.
महिला नेता का भावुक संदेश: फूलवती सिंह ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि "भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्य एवं महिला मोर्चा मंडल गोहपारु की अध्यक्ष रही हूं. मेरे द्वारा पार्टी के विभिन्न दायित्वों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन किया गया है, लेकिन भाजपा की रीति नीति और सिद्धांत के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के सम्मान देने की जो परंपरा थी, वह आज समाप्त हो गई है. जिससे मैं बहुत आहत हूं, और कार्यकर्ताओं के सम्मान की रक्षा के लिए दुखी मन से भारतीय जनता पार्टी के सभी दायित्व और पदों के साथ-साथ प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देती हूं.'' आदिवासी नेता फूलवती सिंह के इस तरह से त्यागपत्र सौंप देने के बाद से अब राजनीतिक गलियारों में भी हलचल उठनी शुरू हो गई है, तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार भी गर्म है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जताया था विरोध:भारतीय जनता पार्टी की नेता और जिला पंचायत उपाध्यक्ष फूलवती सिंह ने इससे पहले भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मनीषा सिंह को जयसिंह नगर विधानसभा सीट से टिकट दिये जाने का पुरजोर विरोध किया था, और संकेत भी दिए थे कि अगर उनकी बातों को नहीं माना गया तो आने वाले समय में वह कोई बड़ा एक्शन ले सकती हैं. यह देखने को भी मिला है, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को अपना त्यागपत्र ही सौंप दिया.