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शहडोल जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल, बाइक से ले जाना पड़ा शव - बच्चों की मौत

शहडोल जिला चिकित्सालय की बदहाल व्यवस्था ने अस्पताल प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक तरफ जहां मासूमों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है, तो वहीं अब तीन साल की बच्ची की मौत के बाद परिजनों को पोस्टमार्टम के लिए बाइक से शव ले जाना पड़ा.

Shahdol district hospital in poor condition
शहडोल जिला अस्पताल की बदहाल व्यवस्था

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Published : Dec 5, 2020, 10:45 AM IST

Updated : Dec 5, 2020, 1:29 PM IST

शहडोल।शहडोल जिला चिकित्सालय पहले से ही लगातार हो रही बच्चों की मौत को लेकर सुर्खियों में है. जिसको लेकर जांच की जा रही है. वहीं दूसरी तरफ जिला चिकित्सालय में बदहाल व्यवस्था के चलते सड़क हादसे में मौत के बाद 3 साल की मासूम बच्ची के शव को पोस्टमार्टम कक्ष तक ले जाने के लिए परिजनों को बाइक का सहारा लेना पड़ा. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि, वाहन आदि उपलब्ध कराना पुलिस का काम है, अस्पताल का नहीं.

कोतवाली थाना अंतर्गत एफसीआई के सामने सिंहपुर रोड निवासी शेरसिंह, जयसिंहनगर क्षेत्र के अमझोर में कपड़े का व्यवसाय करते हैं. गुरुवार की शाम 7:30 बजे शेर सिंह की 3 वर्षीय पुत्री माही सिंह अपनी मां के पास सड़क की ओर निकली थी. इसी समय तेजी से निकल रही 108 एंबुलेंस की ठोकर लग गई, घायल बच्ची को जिला चिकित्सालय लाया जा रहा था कि, रास्ते में ही मौत हो गई. परिजन उसे सिंहपुर रोड स्थित घर लेकर चले गए, मामला एक्सीडेंट का था, इसलिए परिजन शव को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचे. अस्पताल पुलिस चौकी में कागजी कार्रवाई के बाद शव के पोस्टमार्टम कराने की बात कही. वाहन सुविधा नहीं मिलने पर परिजनों को बाइक से ही शव को ले जाना पड़ा. इस संबंध में सिविल सर्जन डॉक्टर व्हीएस बारिया का कहना है कि, परिसर से ही लगा है पीएम कक्ष स्ट्रेचर की व्यवस्था है. वहां तक ले जाने का काम पुलिस का है.

Last Updated : Dec 5, 2020, 1:29 PM IST

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