मकर संक्रांति पर शहडोल के बाणगंगा कुंड में श्रद्धालुओं लगाई आस्था की डुबकी - banganga kund
मकर संक्रांति के मौके पर शहडोल जिले में श्रद्धालुओं ने बाणगंगा कुंड में आस्था की डुबकी लगाई, भारी संख्या में भक्त इस कुंड में स्नान करने पहुंचे.
शृद्धालुओं ने लगाई बाणगंगा कुंड में आस्था की डुबकी
शहडोल।मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त पर जिले के बाणगंगा कुंड में भारी संख्या में श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे. मान्यता है कि इस कुंड में स्नान करने से भक्तों को पुण्य की प्राप्ति होती है. मकर संक्रांति के पर्व पर हर साल इस कुंड में श्रद्धालु स्नान- दान करने पहुंचते हैं.
बाणगंगा कुंड में मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. इस कुंड को लेकर लोगों में काफी आस्था है. बाणगंगा कुंड का ऐतिहासिक महत्व है, कहा जाता है कि पांडवों ने इस कुंड का निर्माण किया था, अर्जुन ने बाण चलाकर इस कुंड को आकार दिया था. इस कुंड के पानी का औषधीय महत्व भी माना जाता है. लोग इस कुंड में स्नान करने के बाद भगवान के दर्शन करते हैं और फिर कुंड के पानी को अपने घरों में ले जाते हैं.
बाणगंगा मेला रहता है आकर्षण का केंद्र
यहां बाणगंगा मेले का भी आयोजन किया जाता है, जो संभाग का सबसे बड़ा मेला है. सैकड़ों सालों से चलता आ रहा ये मेला लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. लोग मकर संक्रांति के दिन पहले बाणगंगा कुंड में स्नान करते हैं और फिर विराट मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करते हैं.