शहडोल। कोरोना काल के चलते हुए लॉकडाउन ने तो पहले ही आर्थिक तौर पर लोगों की कमर तोड़ दी थी, अब जैसे तैसे शादी-समारोह शुरू ही हुए तो कुछ लोगों को रोजगार और आमदनी की उम्मीद बनी थी. अनलॉक तो हो गया, लेकिन 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद से सभी मांगलिक कार्य पर विराम लग गया है. जिससे टेंट हाउस, फोटो स्टूडियो और हलवाइयों के सामने दोबारा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं 1 जुलाई से खरमास शुरू हो चुका है, इसमें विष्णु भगवान शयन शैय्या क्षीरसागर में चले जाते हैं. तो सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं.
भइया लाल गुप्ता पेशे से हलवाई हैं और पिछले 45 से साल से इस काम को कर रहे हैं. अब उनकी उम्र हो गई है, फिर भी रोजी-रोटी चलाने के लिए ये काम करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि लोग इस समय आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. इतने साल में उन्होंने ऐसे हालात कभी नहीं देखे, वो बताते हैं कि उनके साथ 10 से 15 श्रमिक काम करते थे, लेकिन अब सभी बेरोजगार हो गए हैं.