Significance Of Moon।नौ ग्रहों में जिस तरह से सूर्य मानव जीवन पर असर छोड़ता है, ठीक उसी तरह से चंद्रमा का भी एक प्रमुख स्थान होता है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा हर राशि के जातक के लिए अलग-अलग लाभ देता है और हानि भी देता है. चंद्रमा किस स्थिति में है, यह बहुत मायने रखता है. आखिर मानव जीवन में चंद्रमा क्या प्रभाव छोड़ता है. कब चंद्रमा लाभकारी होता है, कब चंद्रमा जातक के लिए हानिकारक हो सकता है. चंद्रमा किस राशि में कितनी चाल चलता है. जानिए ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
चंद्रमा का विशेष महत्व: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा एक बहुत बड़ा रोल अदा करता है. नौ ग्रहों में सूर्य की तरह चंद्रमा भी एक अलग स्थान रखता है. एक नक्षत्र को चंद्रमा 24 घंटे में पार कर लेता है और दूसरे नक्षत्र में प्रवेश कर जाता है. चंद्रमा को नौ ग्रहों में विशेष ग्रह माना हो जाता है. 12 राशियां होती हैं और 12 राशियों में चंद्रमा 30 दिन भोग करता है, यानी एक राशि में चंद्रमा ढाई दिन मतलब 30 घंटा के लगभग चंद्रमा स्थिर होकर के पूर्ण कार्य करता है. सूर्य की तरह इसकी चाल भी हमेशा मार्गी ही हो रहती है, ये कभी भी वक्री दिशा में नहीं चलता है.
चंद्रमा कब पहुंचाता है लाभ?:ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में चंद्रमा का विशेष रोल होता है. चंद्रमा की दो कलाएं होती हैं, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष, कृष्ण पक्ष में चंद्रमा की परछाई कम पड़ती है. इसलिए इस समय शुभ काम वर्जित रहते हैं. शरीर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है और कोई भी कार्य कृष्ण पक्ष में करें तो धीमी गति से कार्य होता है.
जैसे ही शुक्ल पक्ष में चंद्रमा की कला बदलती है प्रतिपदा से लेकर पूर्णमासी तक वैसे चंद्रमा का रूप बढ़ता जाता है. कोई शुभ काम करें या कोई भी कार्य करें या औषधि लें तो पूर्ण लाभ मिलता है. सुख समृद्धि भी मिलती है, चंद्रमा का विशेष रोल 12 राशियों पर पड़ता है. 12 राशियों की बात करें तो चंद्रमा जब शुक्ल पक्ष में रहता है, तो उस राशि वाले जातकों के लिए लाभ ही लाभ रहता है. सभी राशि वाले जातकों के लिए लाभ ही लाभ रहता है. सभी अच्छे कार्य होते हैं, इस पक्ष में जब-जब चंद्रमा की छाया पड़ती है.