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Ganesh Chaturthi 2022 इस नगरी के चारों दिशाओं में स्थापित हैं एक ही तरह के गणपति, जानिए क्या है वजह

देशभर में आज गणेश उत्सव मनाया जा रहा है. इसी के उपलक्ष्य में हम आपको शहडोल के चारों दिशाओं में मौजूद गणेश प्रतिमाओं के महत्व के बारे में बताएंगे. शहडोल जिला मुख्यालय में आप किसी भी दिशा से प्रवेश करेंगे तो आपको चारों दिशाओं में एक ही गणेश प्रतिमा नजर आएगी. इन चारों ही गणेश प्रतिमाओं का अपना एक अलग महत्व भी है. इनकी कई चमत्कार की अद्भुत कहानियां भी हैं.Ganesh Chaturthi 2022, Ganpati is Established in sahdol

Ganesh Chaturthi
गणेश जी

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Published : Aug 31, 2022, 10:55 AM IST

Updated : Aug 31, 2022, 2:28 PM IST

शहडोल। शहडोल नगर को विराट नगरी के नाम से भी जाना जाता है. यहां कई ऐसे प्राचीन देवी-देवताओं के स्थल हैं, जो इस नगर को अद्भुत बनाते हैं. इसीलिए इसे धार्मिक नगरी भी कहा जाता है. मध्यप्रदेश के शहडोल नगर में जब आप किसी भी दिशा से प्रवेश करेंगे तो आपको 10वीं सदी ईसवी की गणेश प्रतिमा के दर्शन होंगे. जो अपने आप में एक रहस्य है कि आखिर जिला मुख्यालय के चारों दिशाओं में इसे क्यों स्थापित किया गया है, और इसके पीछे का राज क्या है?

चारों दिशाओं में विराजे हैं गणपति
यहां नगर के चारो दिशाओं में स्थापित हैं गणेश भगवान

शहडोल जिला मुख्यालय में जब भी आप किसी भी दिशा से प्रवेश करेंगे तो यहां आपको चारों दिशाओं में एक ही तरह के गणेश प्रतिमा देखने को मिलेगी. जिस पर आज भी नगर वासियों को बहुत भरोसा है और चारों ही गणेश प्रतिमाओं की पूजा अर्चना नगर वासी करते हैं. इतना ही नहीं चारों ही गणेश प्रतिमाओं का अपना एक अलग महत्व भी है. इनकी कई चमत्कार की अद्भुत कहानियां भी हैं. हर दिन इनकी विशेष पूजा पाठ होती है. आईटीआई कॉलेज के पास स्थित गणेश मंदिर में कलचुरी कालीन लंबोदर महाराज की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है, जो कई सदी पुरानी है. इसके बाद आप वहां से आएंगे तो शहडोल जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर में ठीक उसी तरह की एक गणेश प्रतिमा और स्थापित है, जो बहुत फेमस है. कलेक्ट्रेट परिसर से जब आगे बढ़ेंगे तो जिला मुख्यालय के बुढार चौक में एक गणेश मंदिर बना हुआ है, वहां भी ठीक उसी तरह की एक गणेश प्रतिमा स्थापित है, और फिर वहां से जब बाणगंगा रोड की ओर जाएंगे तो विराट मंदिर के पास एक गणेश मंदिर है. वहां भी ठीक उसी तरह की एक गणेश प्रतिमा स्थापित है. नगर के चार दिशाओं में एक ही तरह की गणेश प्रतिमा का स्थापित होना चारों ही गणेश मंदिरों का प्रसिद्ध होना भक्तों का इतना भरोसा होना अपने आप में एक रहस्य है.

भगवान गणेश

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कलचुरी राजाओं के काल में हुई स्थापना
कलचुरी कालीन इन गणेश प्रतिमाओं के बारे में जानने के लिए जब हमने पुरातत्वविद रामनाथ सिंह परमार से बात की तो उन्होंने बताया कि शहडोल जिला मुख्यालय और सोहागपुर पुराना धार्मिक स्थल रहा है. यहां कई ऐसी अद्भुत चीजें हैं जो लोगों के लिए रहस्य हैं और जिनके कई मायने हैं. इन्हीं में से एक है शहडोल विराट नगरी के चारों ओर कलचुरी कालीन अद्भुत गणेश प्रतिमा का स्थापित होना है. रामनाथ सिंह परमार बताते हैं शहडोल में नवमीं, 10वीं , 11वीं, और 12वीं सदी ईस्वी में कलचुरियों का शासन रहा है. यहां पर युवराज देव प्रथम के समय पर विराट मंदिर का निर्माण हुआ और उनके पुत्र लक्ष्मणराज के समय तक मंदिर निर्माण और यहां मूर्तियों की स्थापना का कार्यक्रम चलता रहा. कलचुरी शासक शिव भक्त भी थे, ये बात तो हर कोई जनता है. शिव को समर्पित अद्भुत विराट मंदिर उसका प्रमाण हैं, और कलचुरी शासन काल में ही शिव आराधना के साथ ही उनके पुत्र जिसे हम गौरी नंदन गणेश जी कहते हैं, उनके नगर के जितने भी द्वार थे, चारों दिशाओं में प्रवेश द्वारों पर प्रतिमा स्थापित करवाई गई. इन प्रतिमाओं में खास बात यह भी देखा गया है कि चारों ही प्रतिमा एक ही तरह की दिखती हैं. जिससे प्रतीत होता है कि किसी एक ही शिल्पकार ने इसे शिल्पित किया है और एक ही समय पर इसे बनाया गया है, और विधि विधान से जो चार द्वार थे चारों दिशाओं में इनकी स्थापना नगर वासियों के कल्याण के लिए कराई गई थी.

गणेश मंदिर
नगर सुरक्षा के उद्देश्य से स्थापना ज्योतिषाचार्य सुशील शुक्ला शास्त्री भी बताते हैं की गणेश भगवान को प्रथम भगवान माना गया है. गणेश भगवान विघ्नहर्ता माने गए हैं और इसीलिए नगर की सुरक्षा के उद्देश्य से चारों दिशाओं में गणेश भगवान की स्थापना की गई है. जिससे नगर में किसी भी तरह कि कोई बाधा ना आए संकट ना आए. नगर खुशहाल रहे और आप देखते भी होंगे कि इतने सालों में शहडोल नगरी में कोई इतनी बड़ी आपदा विपदा नहीं आई है, आई भी है तो आसानी से टल गई है, वृहद रूप नहीं ले पाया है. शहडोल जिला हमेशा से सुरक्षित रहा है तो उसकी वजह भी यही है इस शहडोल नगर के चारों दिशाओं से गणेश भगवान का अशीर्वाद है, और इसी उद्देश्य के साथ नगर के चारों दिशाओं में चारों प्रवेश द्वारों पर इनकी स्थापना की गई है.
गणेश प्रतिमा
लोगों की बड़ी आस्था शहडोल नगर के चारों ही प्रवेश द्वार पर स्थापित गणेश प्रतिमाओं में लोगों की बड़ी आस्था है, हर दिन लोग यहां लंबोदर महाराज के दर्शन को पहुंचते हैं. बताया जाता है कि यहां लोगों की मन्नते पूरी होती है कोई भी नया कार्य लोग शुरू करते हैं तो गणेश भगवान के पास जाते हैं और गणेश मंदिर में जाकर सबसे पहले प्रणाम करते हुए लंबोदर महाराज का आशीर्वाद लेते हैं. फिर चाहे किसी भी दिशा के गणपति की बात करें हर जगह भक्तों का तांता लगा रहता है.
Last Updated : Aug 31, 2022, 2:28 PM IST

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