शहडोल। जिले का इंजीनियरिंग कॉलेज किसी न किसी वजह से हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. यहां के छात्र पढ़ाई, लैब, लाइब्रेरी, फैकल्टी और अव्यवस्थाओं को लेकर हमेशा विरोध जताते आए हैं. एक बार फिर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने रैली निकालते हुए अपनी समस्याओं के निदान के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
शहडोल: पढ़ाई छोड़ समस्याओं के विरोध में सड़कों पर उतरे इंजीनियरिंग छात्र, बोले- 'कोई सुनता ही नहीं'
शहडोल के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र समस्याओं के विरोध में सड़कों पर उतरे, बोले- 'कोई सुनता ही नहीं', 3 दिन कॉलेज बंद, सोमवार से आमरण अनशन करेंगे
छात्रों का आरोप है कि शहडोल में इंजीनियरिंग कॉलेज खुले करीब साढ़े तीन साल हो गए, लेकिन आज तक उसे अपनी बिल्डिंग नहीं मिल सकी है. इतना ही नहीं कॉलेज में न तो लैब है, न लाइब्ररी है, और न ही फैकल्टी हैं. इसके अलावा भी कई मूलभूत सुविधाएं और समस्याओं के लिए कई बार आवाज उठाया गया, लेकिन कोई सुनवाई ही नहीं हुई. इस तरह से स्टूडेंट के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
फाइनल सेमेस्टर के छात्रों का कहना है कि 2015 में भी कॉलेज खोला गया था और तब से लेकर अब तक समस्याओं के निदान के लिए 71वीं बार वे ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई. बस हर जगह आश्वासन ही मिलता है. छात्रों ने कहा कि आज से तीन दिनों तक कॉलेज में तालाबंदी रहेगी और फिर सोमवार से व्यापक स्तर पर आमरण अनशन पर सारे स्टूडेंट बैठ जाएंगे.