शहडोल। कोरोना काल में लॉकडाउन का असर लोगों के व्यापार पर भी पड़ा है, बड़े व्यापारी से लेकर छोटे व्यापारी हर कोई प्रभावित हुआ है. कुछ ऐसी ही व्यथा भइया लाल पटेल की है. जिनकी उम्र 70 साल है और गांव-गांव पैदल चलकर बस गरेमा (मवेशी बांधने के काम आने वाले) का व्यापार करते हैं. इस कोरोना काल में उन्होंने अपनी व्यथा हमें बताई. क्योंकि उनके व्यापार में भी गहरा असर पड़ा है.
भइया लाल पटेल की उम्र 70 साल हो चुकी है, वे पिछले 30 से 40 साल से गरेमा बनाते हैं और फिर उसे आज भी गांव-गांव पैदल ही जाकर बेचते हैं. भइया लाल पटेल बताते हैं कि लॉकडाउन में उनका काम प्रभावित रहा. सब कुछ बंद रहा और अब जब सब कुछ खुला है, तो गरेमा बनाने का काम हम भी शुरू कर चुके हैं, साथ ही गांव-गांव जाकर इसे बेच भी रहे हैं, लेकिन अब पहले जैसी बिक्री नहीं हो रही है.
उन्होंने बताया कि हम गरेमा लेकर पहले की ही तरह बेचने के लिए तो जा रहे हैं, लेकिन लोगों के पास पैसे ही नहीं हैं. पहले 4 घर जाते तो सभी कुछ ना कुछ खरीद लेते, लेकिन अब 4 लोग नहीं लेते और एक दो लोग लेते हैं वो भी जितनी की जरूरत है उतना ही लेते हैं, और यही कहते हैं पैसे नहीं हैं. अब बिक्री बहुत कम होती है.