सतना।सरकार शिक्षा-व्यवस्था को लेकर लाख दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आती है. मामला मैहर विधानसभा क्षेत्र के जरियारी गांव के शासकीय स्कूल का है, जहां स्कूल जाने का मार्ग कीचड़ में समाया हुआ है. इसके चलते छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर विद्यालय जाने को मजबूर हैं. सड़क व्यवस्था से परेशान छात्रों के परिजन बच्चों का नाम स्कूल से कटवाने का मन बना रहे हैं. इसके बावजूद प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
इस गांव में स्कूल जाने के लिए रास्ता नहीं, कीचड़ से गुजरता है देश का भविष्य
मैहर के जरियारी गांव के शासकीय स्कूल पहुंचने के लिए छात्रों को कीचड़ से होकर जाना पड़ रहा है. इस बात को लेकर कई बार सरपंच और शासन-प्रशासन को सूचित किया गया, लेकिन उन्हें इन छात्रों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है.
यहां खराब मार्ग की यह समस्या पिछले पांच वर्षों से बनी हुई है. बरसात में पानी भर जाने से यह स्थिति और भी खराब हो जाती है. रास्ते पर पानी भर जाने से कीचड़ हो जाता है, जिसमें कई छात्र गिर भी जाते हैं. विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने कहा कि इसकी सूचना सरपंच से लेकर शासन-प्रशासन तक को दी गई है, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यह मामला अभी उनके संज्ञान में लाया गया है, जिस पर वह शाला प्रबंधन समिति और पंचायत के माध्यम से मार्ग को व्यवस्थित कराने की व्यवस्था करेंगे.