भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 जयंती के अवसर पर गांधी जी के जीवन पर आधारित जीवन दर्शन यात्रा की शुरुआत की गई. यह यात्रा देश के विभिन्न राज्यों से गुजरते हुए गांधी जी के विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर लोगों को गांधी जी के परिकल्प प्रेरित करेगी.
काशी से चली जीवन दर्शन यात्रा सतना के मैहर पहुंची यात्रा का उद्देश्य गांधी जी के विचारों को साझा कर उनकी महत्वपूर्ण बातों को अपने जीवन में कैसे पालन करें. इस पर लोगों का ध्यान केंद्रित करेगी. इस दर्शन यात्रा का एक उद्देश्य यह भी है कि लोगों को स्वच्छता और शौचालय के प्रति नगर से गुजरकर उन्हें इस बात के लिए जागरुक कर सकें.
काशी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बाल लखींद्र ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और राष्ट्रीय स्वंय योजना की स्वर्ण जंयती के मौके पर यह साइकिल यात्रा काशी विश्वविद्यालय से निकली है.
यह साइकिल यात्रा वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से शुरु हुई है. जिसमें 17 लोग इस साइकिल यात्रा में शामिल है. यह यात्रा बनारस के सेवाग्राम आश्रम से शुरू होकर महाराष्ट्र के वर्धा जिले का 900 किलोमीटर का सफर तय करेगी.
सतना के शासकीय डिग्री कॉलेज के छात्र ने बताया कि गांधीजी को मैं अपने जीवन में प्रेरणा का अहम हिस्सा मानता हूं और मुझे जब यह बात पता चली कि खादी एक वस्त्र नहीं बल्कि यह एक विचार है तो इस पद पर चलना मुझे बेहद रास आया और इस यात्रा के दौरान मैं गांधीजी की अनेक बातों को जान सकूंगा और लोगों तक पहुंचाने का काम करूंगा.
हम इस यात्रा में पर्यावरण संरक्षण और जल संरक्षण का भी संदेश देते हैं कई स्थानों पर पौधारोपण किया करते हैं और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश भी आम लोगों तक पहुंचाया करते हैं यकीनन गांधीजी का मार्गदर्शन हमारे लिए सदैव ही अमूल धारा रहेगी