सतना।विंध्यनगरी के सतना शहर में बीचों-बीच बन रहे फ्लाईओवर का निर्माण पिछले 4 साल से चल रहा है, लेकिन निर्माण विभाग की लापरवाही से ये कब पूरा होगा कोई नहीं जानता है. दरअसल शहर के नेशनल हाइवे नंबर 75 पर जनवरी 2016 से फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है, जो आज भी अधूरा है. किसी तरह निर्माण कार्य फिर से शुरु तो हो गया है, लेकिन सुरक्षा के अभाव से यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
लागत बढ़ गई, लेकिन निर्माण नहीं हुआ
आप तस्वीरों में देख सकते हैं, कि जहां एक तरफ फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है, वहीं दूसरी ओर फ्लाईओवर के नीचे दुकानें चल रही है, और बची जगह में वाहन पार्किंग के लिए उपयोग की जा रही है, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम अभी तक नहीं किए गए है.1147 मीटर में बनने वाले इस फ्लाईओवर का अधिकांश कार्य अभी भी अधूरा पड़ा हुआ है, इस फ्लाईओवर निर्माण का तो पता नहीं, लेकिन लागत बढ़ती जा रही है. इसकी पहले लागत करीब 33 करोड़ रुपये थी, जो अब बढ़कर 41 करोड़ हो चुकी है, और जिले के सांसद महोदय से पूछे जाने पार उन्होंने कहा है कि फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा किया जाएगा.
2016 में हुआ था शिलान्यास
मध्यप्रदेश के सतना जिले के सेमरिया चौराहा नेशनल हाईवे 75 पर जनवरी 2016 में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. यह फ्लाईओवर कोलगवां थाने से शुरू होकर सेमरिया चौराहा होते हुए रीवा रोड सवेरा होटल के पास समाप्त होता है. इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य 2018 में पूरा होना था. अब इसे पूरा करने के लिए अक्टूबर महीने तक का समय फ्लाई ओवर की कंपनी ने दिया है.
लगातार बढ़ रही तारीखें
जिले के सांसद महोदय से पूछे जाने पार उन्होंने कहा है कि फ्लाईओवर का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पहले की अपेक्षा अब कुछ बदलाव किया गया है, जिसमें चौराहे पर अभी स्टील गार्डर लगाए जा रहे हैं, उसका कुछ सामान अभी आ चुका है, और कुछ बाकी है जो जल्द ही आ जाएगा, फ्लाई ओवर की कंपनी ने इस कार्य को पूरा करने के लिए अक्टूबर 2020 का समय दिया है, जिसे अक्टूबर माह में पूरा कर दिया जाएगा.
कई बार हो चुके हादसे
बहरहाल सतना शहर के बीचोबीच बन रहे फ्लाईओवर को 4 साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक कछुए की गति से निर्माण कार्य चल रहा है. आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है, इस फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के चलते कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी है, स्थानीय लोग और दुकानदार बेहद परेशान हैं, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा महज तरीख-तारीख मिल रही है.