सतना। भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट में श्री रामनवमी के पावन पर्व पर हजारों की संख्या में लोग आते हैं और मां मंदाकिनी घाट पर दीपदान करते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के फैलाव के कारण इस बार चित्रकूट रामनवमी के मौके पर भी सूना रहा. भगवान राम के अलावा भी सभी मंदिर बंद रहे. खामोशी के साथ सादगी भरे तरीके से भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया. चारों ओर सन्नाटा पसरा रहा.
राम की तपोभूमि चित्रकूट में छाया रहा सन्नाटा, रामनवमी पर नहीं पहुंचे श्रद्धालु - Chitrakoot on Rama Navami
कोरोना वायरस के कारण इस बार चित्रकूट रामनवमी के मौके पर सूना रहा. भगवान राम के अलावा भी सभी मंदिर बंद रहे. खामोशी के साथ सादगी भरे तरीके से भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया.
कोरोना वायरस की इस महामारी की वजह से पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है तो वहीं देशभर के सभी धार्मिक स्थल मंदिरों एवं देवालयों के पट बंद कर दिए गए हैं. बता दें वनवास के दौरान भगवान राम ने चित्रकूट में 11 वर्ष से अधिक का समय बिताया था, यहां कई ऐसे स्थान हैं, जहां भगवान राम और सीता रुके हुए थे, जिसका वर्णन श्रीरामचरितमानस में भी किया गया है.
यहां पर भगवान कामतानाथ, मां मंदाकिनी, स्फटिक शिला, हनुमान धारा, गुप्त गोदावरी, सती अनुसुइया इन सभी स्थलों में भगवान राम वनवास के दौरान रुके हुए थे. इसीलिए राम नवमी के मौके पर लाखों की संख्या में राम भक्त पहुंचते थे और भगवान राम का स्मरण का पावन मंदाकनी में स्नान और कामदगिरी की परिक्रमा करते थे.