सागर। कोरोना महामारी के बीच स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल का संदेश दिया. स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देकर स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाना इसका उद्देश्य है. इस कड़ी में सागर में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें सरकार से भी सहयोग मिल रहा है. दीपावली को पूरी तरह से स्वदेशी बनाने के लिए यहां 24 महिलाओं ने मिलकर 21 तरह की पूजा सामग्री की स्वदेशी किट तैयार की है. खास बात यह है कि इन पूजा सामग्री को बनाने में गाय के दूध,गोबर और गंगाजल के साथ-साथ पूरी तरह से स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग किया गया है.
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दीपावली को पूरी तरह से स्वदेशी बनाने के लिए यहां 24 महिलाओं ने मिलकर 21 तरह की पूजा सामग्री की स्वदेशी किट तैयार की है. खास बात यह है कि इन पूजा सामग्री को बनाने में गाय के दूध,गोबर और गंगाजल के साथ-साथ पूरी तरह से स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग किया गया है.
दीपावली पूजन सामग्री के लिए 21 उत्पाद
स्थानीय महिलाओं ने ऐसे 21 उत्पादों का निर्माण किया है,जिनका दीपावली की पूजन में उपयोग होता है. इन उत्पादों का निर्माण और बिक्री भी ये महिलाएं ही कर रही हैं.21 सामग्री की किट में मां लक्ष्मी की फोटो, पूजा की थाली, चंदन, हल्दी, रोली, पीली सरसों, चावल, दीपक, घी की आरती, बत्ती, हवन,शक्लय, कलावा, जनेऊ, नारियल, पंचमेवा, गोबर की धूपबत्ती, कपूर टिकिया,नव ग्रह समिधा, गंगाजल और पूजन का कपड़ा शामिल है.
दीपावली के लिए जिन 21 उत्पादों को तैयार किया गया है, उनके स्वदेशी के साथ-साथ शुद्धता का विशेष ध्यान रखा गया है. इन उत्पादों को तैयार करने के लिए गाय के गोबर और गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही इन उत्पादों के निर्माण में सामान्य पानी की जगह गंगाजल का उपयोग किया गया है. खास बात यह है कि इन उत्पादों में किसी तरह की मिलावट नहीं की गई है और इन्हें स्वदेशी तरीके से तैयार किया गया है. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में शासन की योजनाओं का भी लाभ दिया जा रहा है.
सरकारी योजनाओं का मिला लाभ
वोकल फॉर लोकल की तर्ज पर स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने के साथ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की कोशिश के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी इन महिलाओं को दिया गया है. इन महिलाओं को शासन की योजना के तहत पूजन सामग्री तैयार कराने के लिए जरूरी मशीनरी के लिए बैंक से लोन दिलाने में प्रशासन ने मदद की है. साथ ही मशीन के संचालन के लिए ट्रेनिंग भी दी गयी है. ऐसे में 24 महिलाएं एक साथ स्वदेशी के नारे के साथ आत्मनिर्भर बन रही हैं.