सागर। जिला मुख्यालय सागर के अंतर्गत आने वाला टीलाखेड़ी गांव एक समय अवैध शराब बिक्री के लिए कुख्यात था. आलम ये था कि गांव के लोग छोड़िए आसपास के गांवों और दूसरे जिलों तक के लोग शराब खरीदने के लिए टीलाखेड़ी में डेरा डाले रहते थे. गांव के लोग जब परेशान हो गए तो उन्होंने एक समिति गठित कर गांव में सर्वसम्मति से शराबबंदी का फैसला किया. तय किया गया कि गांव का कोई भी व्यक्ति ना तो शराब बेंचेगा और ना ही शराब पिएगा. जो भी ऐसा करेगा, उसे जुर्माना देना होगा और उसे पुलिस के हवाले भी कर देंगे. पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हों और योग्य प्रत्याशी चुना जाए. इसके लिए गांव के लोगों ने तय किया है कि अगर वोट के लिए कोई प्रत्याशी शराब या किसी तरह का प्रलोभन देगा तो उसका बहिष्कार किया जाएगा और अगर प्रत्याशी नशा करेगा, तो उसे एक ग्रामीण वोट नहीं देंगे.
A Village An example of prohibition : अवैध शराब बिक्री के गढ़ टीलाखेड़ी में ग्रामीणों ने ऐसे की शराबबंदी, जो बना मिसाल
सागर जिले का टीलाखेड़ी गांव एक समय अवैध शराब बिक्री का गढ़ था. दिन- रात गांव में मजमा लगा रहता था और लड़ाई झगड़े होते थे. महिलाओं और लड़कियों का निकलना दूभर हो गया था. लेकिन अब यहां ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी का फैसला किया है. यहां पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से हों और योग्य प्रत्याशी चुना जाए, इसके लिए गांव के लोगों ने तय किया है कि अगर वोट के लिए कोई प्रत्याशी शराब या किसी तरह का प्रलोभन देगा तो उसका बहिष्कार किया जाएगा. (If liquor distribute candidate boycotted) (Tilakhedi stronghold of illegal liquor sales) (Tilakhedi became an example of prohibition)
ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव के लिए बनाई गाइडलाइन :पंचायत चुनाव का प्रचार प्रसार चरम पर है। प्रत्याशी वोट के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं। ऐसे में टीलाखेड़ी गांव के लोगों ने पंचायत चुनाव के लिए भी एक गाइडलाइन बनाई है। गांव के लोगों ने तय किया है कि पंचायत चुनाव का कोई भी प्रत्याशी वोट के लिए शराब बांटने का काम करता है या दूसरा प्रलोभन देता है, तो उस प्रत्याशी का बहिष्कार किया जाएगा। वही गांव के लोगों ने तय किया है कि प्रत्याशियों के आचरण के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी और जो प्रत्याशी नशा करता होगा, उसको गांव के लोग वोट नहीं देंगे।