सागर।(MP Urban Body Election) मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा भले ही पंचायत चुनावों का एलान कर दिया गया है,लेकिन आरक्षण में रोटेशन की प्रक्रिया को लेकर बरकरार संशय के बीच चुनाव पर सस्पेंस है. हालांकि ताजा मामला मध्य प्रदेश निकाय चुनाव में आरक्षण के रोटेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court Latest News) में दायर विशेष अनुमति याचिका में सामने आया है, जिसमें याचिकाकर्ता डॉ. जया ठाकुर की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. उच्चतम न्यायालय ने सभी याचिकाओं को एक साथ टैग करते हुए 10 दिसंबर यानी आज अगली सुनवाई की तारीख नियत की है.
क्या है मामला ? (MP Local body Election)याचिकाकर्ता के वकील वरूण सिंह ठाकुर ने बताया कि मध्य प्रदेश में निकाय चुनाव में देरी को लेकर डॉ. जया ठाकुर ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें संविधान के अनुच्छेद 243-डी और 243-यू का हवाला देते हुए जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने की मांग की थी. लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने हमेशा से चुनाव टालने का प्रयास किया और कोई-न-कोई बहाना बनाती रही. संवैधानिक त्रुटियां जान बूझकर की गई, ताकि चुनावों को टाला जा सके. जबकि मध्य प्रदेश चुनाव आयोग ने इस याचिका का समर्थन करते हुए जल्द चुनाव कराए जाने की प्रार्थना की थी,साथ ही समस्त ब्योरा हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया था. लेकिन शिवराज सरकार ने संविधान के प्रावधानों का खुला उल्लंघन किया, जिसमें 243-डी एवं 343- टी के तहत संविधान में प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार रोटेशन लागू करना था. मध्य प्रदेश सरकार (MP government on Urban Body Election) ने जानबूझकर इसका पालन नहीं किया. इस मामले में कुछ याचिकाकर्ताओं ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रोटेशन की मांग की, तब मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी किया, जहां मध्य प्रदेश सरकार ने रोटेशन लागू नहीं किया था, यह आदेश हाईकोर्ट ने फरवरी-मार्च 2021 में दिए थे, इसके बाद भी मध्यप्रदेश सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की.