सागर। देवरी सागर जिले का एक ऐतिहासिक कस्बा है. जो सुखचैन नदी के किनारे बसा हुआ है. खास बात ये है कि देवरी कस्बा डेढ़ सौ साल पुरानी नगर पालिका है. 17वीं शताब्दी में चंदेलों ने इस कस्बे की स्थापना की थी. पहले देवरी को रामगढ़ नाम से जानते थे. कहीं-कहीं इसका उजरगढ़ नाम का उल्लेख मिलता है. बाद में इस कस्बे का नाम देवरी किया गया. कहा जाता है कि देवरी का अर्थ भगवान का निवास होता है. यहां 15-16वीं शताब्दी में मराठा राजाओं द्वारा निर्मित श्री खंडेराव मंदिर है. जहां हर साल चंपाछठ पर ऐतिहासिक मेला भरता है, जिसमें मनोकामना पूर्ति पर लोग अग्निकुंड से नंगे पांव निकलते हैं.
देवरी विधानसभा एक परिचय: श्री नगर को कन्याकुमारी को जोडने वाले देश के सबसे लंबे नेशनल हाइवे 44 पर स्थित देवरी कस्बा 150सौ साल पुरानी नगर पालिका है. कभी यह रहली तहसील के अंतर्गत आता था. 1983 में इसे रहली से हटाकर पृथक तहसील बनायाा गया. यह कस्बा अपने ऐतिहासिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. देवरी के अनंतपुरा गांव में गांधी खादी आश्रम आए थे और यहां ग्रामीणों के साथ बिताई थी. नौरादेही टाइगर रिजर्व का बहुत बड़ा हिस्सा देवरी के अंतर्गत आता है. देवरी में केसली, गौरझामर, महाराजपुर, सहजपुर जैसे छोटे कस्बे शामिल हैं.
देवरी विधानसभा का चुनावी इतिहास:देवरी विधानसभा की बात करें तो यहां पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ा मुकाबला देखने मिलता है. कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा यहां से चुनाव जीतती है. फिलहाल पिछले दो चुनावों से यहां पर कांग्रेस का कब्जा है. 2013 और 2018 में लगातार कांग्रेस के हर्ष यादव ने देवरी से जीत हासिल की है. कमलनाथ सरकार में कमलनाथ को कैबिनेट मंत्री का भी दर्जा प्राप्त था.
विधानसभा चुनाव 2008: विधानसभा चुनाव 2008 में भाजपा के भानु राणा ने कांग्रेस के बृजबिहारी पटैरिया को चुनाव हराया था. बीजेपी के भानुराणा को 40 हजार 810 वोट मिली थी और कांग्रेस के बृजबिहारी पटैरिया को 29 हजार 305 मत मिले थे. इस तरह बीजेपी के भानुराणा 11 हजार 505 वोटों से चुनाव जीत गए.
विधानसभा चुनाव 2013:विधानसभा चुनाव 2013 में कांग्रेस और बीजेपी के बीच फिर मुकाबला हुआ, लेकिन इस बार कांग्रेस के हर्ष यादव ने भाजपा से सीट छीन ली. कांग्रेस के हर्ष यादव को 71 हजार 185 वोट मिले, तो बीजेपी के रतनसिंह सिलारपुर को 49 हजार 105 वोट मिले. इस तरह हर्ष यादव 22 हजार 80 वोटों से चुनाव जीत गए.