सागर। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ राजेंद्र सिंह मोकलपुर को लड़ाने के लिए कांग्रेस ने घरवापसी के प्रयास किए थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें मंत्री पद का दर्जा देने की बात कहकर कांग्रेस में जाने से रोक लिया था. सरकार बनने के बाद राजेंद्र सिंह मोकलपुर को खनिज विकास निगम में उपाध्यक्ष भी बनाया गया. लेकिन बुंदेलखंड में उनके कद के लिहाज से यह पद छोटा माना जा रहा है. फिलहाल बुंदेलखंड में चर्चा जोर पकड़ रही है कि राजेंद्र सिंह मोकलपुर कांग्रेस में वापसी करके 2023 विधानसभा चुनाव में गोविंद सिंह के खिलाफ लड़ सकते हैं. ये मुकाबला गोविंद सिंह राजपूत के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होगा.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के करीबी हैं :राजेंद्र सिंह मोकलपुर की सुरखी विधानसभा क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेस नेताओं में गिनती हुआ करती थी. वह कांग्रेस में अर्जुन सिंह गुट के नेता माने जाते थे और उनकी नजदीकी पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी है. राजेंद्र सिंह मोकलपुर का दबदबा इतना है कि लंबे समय तक उनके परिवार के सदस्य सागर कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा पैतृक गांव में लगातार उनके परिवार या उनके समर्थक निर्विरोध सरपंच चुने जाते रहे हैं. राजेंद्र सिंह मोकलपुर जब कांग्रेस में हुआ करते थे तो वहां गुटबाजी के चलते गोविंद सिंह राजपूत से उनकी अदावत जगजाहिर थी. इसी वजह के चलते उनका धीरे-धीरे कांग्रेस से मोहभंग हुआ और उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. मुख्यमंत्री के करीबी नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के प्रयासों से राजेंद्र सिंह मोकलपुर ने भाजपा का दामन थाम लिया और 2008 में गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ सुरखी विधानसभा से चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में राजेंद्र सिंह मोकलपुर हार गए.