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किसान सम्मलेन में शामिल होंगे प्रहलाद पटेल और गोपाल भार्गव, किसानों को समझाएंगे कृषि कानून की बारिकियां

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव आज सागर में किसान सम्मलेन में शामिल होंगे. जहां वे किसानों को कृषि कानून की बारिकियां समझाएंगे. किसान सम्मेलन को लेकर जोर शोर से तैयारियां की गई है.

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Published : Dec 16, 2020, 7:57 AM IST

Updated : Dec 16, 2020, 8:03 AM IST

Prahlada Patel and Gopal Bhargava
प्रहलाद पटेल और गोपाल भार्गव

सागर। केंद्र के नए किसान कानून को लेकर देशभर में बढ़ रहे किसानों के विरोध के मद्देनजर अब बीजेपी ने भी मोर्चा संभाल लिया है. बीजेपी अब किसानों को कानून के फायदे समझाने के लिए किसान सम्मेलन का सहारा ले रही है. सागर संभागीय मुख्यालय पर भी 16 दिसंबर को किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया है. जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव शामिल होंगे.

किसानों को समझाएंगे कृषि कानून की बारिकियां

सागर संभागीय मुख्यालय पर खेल परिसर के बगल वाले मैदान में 16 दिसंबर को 12 बजे से किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया है. जिसकी तैयारियां जोर-शोर से की गई हैं. शहर में जगह-जगह सम्मेलन में किसानों के स्वागत के लिए बैनर फ्लेक्स लगाए गए हैं. इस सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी शिरकत करेंगे. जो कि किसानों को कानून के विषय में जानकारी देंगे और कृषि कानून के किसानों को होने वाले फायदे की जानकारी देंगे.

किसान सम्मेलन पोस्टर

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इस किसान सम्मेलन में किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाने की कवायद होगी. जिसके लिए जिला अध्यक्ष सहित सभी पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां भी सौंप दी गई है. क्योंकि सम्मेलन की सफलता वहां पहुंचने वाले किसानों की संख्या पर ही निर्भर करेगी. तय कार्यक्रम के अनुसार करीब 1 बजे प्रहलाद पटेल सागर के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे. जहां कार्यक्रम के बाद वे सागर से करीब 3:30 बजे प्रस्थान करेंगे.

देवरी से कांग्रेस विधायक हर्ष यादव द्वारा ज्ञापन सौंपने और एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के अलावा सागर में अब तक किसान कानून के विरोध में या फिर किसान आंदोलन के समर्थन में कोई खास एक्टिविटी नहीं हुई है. लेकिन एहतियात के तौर पर बीजेपी इस तरह के सम्मेलनों द्वारा किसानों को इस कानून के फायदे समझाना चाह रही है, जिससे किसान आंदोलन की आग प्रदेश में ना पहुंच सके.

Last Updated : Dec 16, 2020, 8:03 AM IST

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