सागर।कोरोना काल में लगी रही पाबंदियों के चलते पिछले 2 सालों में किसी भी धर्म के त्योहार हर्षोल्लास से नहीं मनाए जा सके थे. लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना की पाबंदियां कम होने के कारण धार्मिक त्योहारों में रौनक लौटने लगी है. इसी तरह ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहार क्रिसमस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. ईसाई धर्मावलंबी 2 साल के अंतराल के बाद नए जोश के साथ क्रिसमस मनाने की तैयारियां कर रहे हैं. (Oldest Historic Church of Sagar)
क्रिसमस के पर्व के मौके पर सागर के सबसे पुराने सेंट टेरेसा कैथेड्रल चर्च (St. Teresa's Cathedral Church) में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. इस चर्च का इतिहास भी बहुत रोचक है. जब अंग्रेजी हुकूमत ने बुंदेलखंड में सेना की तैनाती बढ़ाई थी. तभी इस चर्च का निर्माण किया गया था. करीब 170 साल पूरे कर चुका यह चर्च अब नए स्वरूप में आ चुका है. इस चर्च में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है.
ब्रिटिश हुकूमत के आगाज से जुड़ा चर्च का इतिहास
1842 के बुंदेला विद्रोह और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले बुंदेलखंड में अंग्रेजों के खिलाफ पनप रहे आक्रोश के चलते ब्रिटिश हुकूमत ने बुंदेलखंड में बड़े पैमाने पर सेना की तैनाती शुरू कर दी थी. इसी दौरान सेना की तैनाती के चलते बड़े पैमाने पर अंग्रेज अफसर और अंग्रेज सैनिक सागर आए थे. बुंदेलखंड में बढ़ रही बगावत के चलते ब्रिटिश सेना ने यहां डेरा जमा लिया था और बड़ी छावनी का निर्माण किया था.
ब्रिटिश अफसर और कर्मचारियों के चलते इसी दौर में यहां चर्च का निर्माण किया गया था. आज भी सागर में महार रेजीमेंट का मुख्यालय स्थित है और देश के गिने-चुने कैंटोनमेंट बोर्ड में एक कैंटोनमेंट बोर्ड सागर में भी है.
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