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Christmas Day 2021: ब्रिटिश काल में बने ऐतिहासिक चर्च में दो साल बाद धूमधाम से मनेगा क्रिसमस - Oldest Historic Church of Sagar

देशभर में क्रिसमस 2021 की तैयारियां शुरू हो चुकी है. मध्य प्रदेश के सागर जिले में भी ब्रिटिश काल में बने ऐतिहासिक सेंट टेरेसा कैथेड्रल चर्च (St. Teresa's Cathedral Church) में क्रिसमस को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. (Oldest Historic Church of Sagar) पिछले 2 साल से कोरोना संक्रमण के चलते क्रिसमस डे को सादगी से मनाया गया था, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण की पाबंदियां सिमित होने के चलते क्रिसमस को धूमधाम से मनाया जाएगा.

Christmas Day 2021
Christmas Day 2021

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Published : Dec 23, 2021, 1:08 PM IST

सागर।कोरोना काल में लगी रही पाबंदियों के चलते पिछले 2 सालों में किसी भी धर्म के त्योहार हर्षोल्लास से नहीं मनाए जा सके थे. लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना की पाबंदियां कम होने के कारण धार्मिक त्योहारों में रौनक लौटने लगी है. इसी तरह ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहार क्रिसमस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. ईसाई धर्मावलंबी 2 साल के अंतराल के बाद नए जोश के साथ क्रिसमस मनाने की तैयारियां कर रहे हैं. (Oldest Historic Church of Sagar)

क्रिसमस के पर्व के मौके पर सागर के सबसे पुराने सेंट टेरेसा कैथेड्रल चर्च (St. Teresa's Cathedral Church) में तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. इस चर्च का इतिहास भी बहुत रोचक है. जब अंग्रेजी हुकूमत ने बुंदेलखंड में सेना की तैनाती बढ़ाई थी. तभी इस चर्च का निर्माण किया गया था. करीब 170 साल पूरे कर चुका यह चर्च अब नए स्वरूप में आ चुका है. इस चर्च में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है.

Christmas Day 2021

ब्रिटिश हुकूमत के आगाज से जुड़ा चर्च का इतिहास

1842 के बुंदेला विद्रोह और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के पहले बुंदेलखंड में अंग्रेजों के खिलाफ पनप रहे आक्रोश के चलते ब्रिटिश हुकूमत ने बुंदेलखंड में बड़े पैमाने पर सेना की तैनाती शुरू कर दी थी. इसी दौरान सेना की तैनाती के चलते बड़े पैमाने पर अंग्रेज अफसर और अंग्रेज सैनिक सागर आए थे. बुंदेलखंड में बढ़ रही बगावत के चलते ब्रिटिश सेना ने यहां डेरा जमा लिया था और बड़ी छावनी का निर्माण किया था.

ब्रिटिश अफसर और कर्मचारियों के चलते इसी दौर में यहां चर्च का निर्माण किया गया था. आज भी सागर में महार रेजीमेंट का मुख्यालय स्थित है और देश के गिने-चुने कैंटोनमेंट बोर्ड में एक कैंटोनमेंट बोर्ड सागर में भी है.

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क्या है सेंट टेरेसा कैथेड्रल चर्च का इतिहास

सागर में सबसे पुराना रोमन कैथोलिक चर्च सेंट टेरेसा कैथेड्रल चर्च है. मिशनरी की उपस्थिति में इस चर्च की शुरुआत 1850 में हुई थी. पहले इसे सेंट राफेल चर्च के नाम से जाना जाता था, क्योंकि इस चर्च की स्थापना ईसाई धर्मगुरु सेंट राफेल विक्की लिवोर्नो ने की थी. उस समय बुंदेलखंड इलाके में बहुत कम चर्च थे और यह चर्च अपने समकालीन चर्चों में सबसे पुराना चर्च माना जाता है.

जर्जर हो चुके चर्च का 3 साल में किया पुनर्निर्माण

अपनी स्थापना के करीब डेढ़ सौ साल पूरे करने पर ये चर्च काफी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका था. ऐतिहासिक महत्व के चलते चर्च के पुनर्निर्माण का फैसला लिया गया. फैसले पर मुहर लगने के बाद 15 अगस्त 2010 को चर्च को बंद कर दिया गया और 1 अक्टूबर 2010 को इस चर्च का नाम सेंट राफेल चर्च की जगह सेंट टेरेसा कैथेड्रल चर्च रखा गया. चर्च का नए सिरे से पुनर्निर्माण किया गया और 3 साल चले पुनर्निर्माण के काम के बाद 1 अक्टूबर 2013 को चर्च में पहली प्रार्थना हुई.

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जोर शोर से चल रही क्रिस्मस की तैयारियां

कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 सालों से क्रिसमस का त्यौहार सादगी के साथ मनाया गया. इस बार मामूली पाबंदियों के साथ क्रिसमिस हर्ष उल्लास के साथ मनाने की तैयारी है. 24 दिसंबर की रात और 25 दिसंबर की सुबह यहां विशेष आराधना आयोजित की जाएगी. इसके जरिए बिशप जेमि ईसा मसीह के जन्म से संबंधित संदेश देंगे. यीशु मसीह के जन्म से संबंधित विशेष गीत जाएं जाएंगे और आराधना के बाद विशेष खेल भी आयोजित होंगे.

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