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सागर में ढहा दलितों का मकान, दिग्विजय और गोविंद सिंह आमने-सामने, नरोत्तम बोले- राजनीतिक रोटियां सेक रहे दिग्गी - Digvijay Singh on dharna

एमपी के सागर जिले में दलितों के घर पर बुलडोजर चलने के मामले में दिग्विजय सिंह और मंत्री गोविंद सिंह आमने-सामने आ गए हैं. दोनों के बीच ट्विटर वॉर जारी है. वहीं मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का समर्थन मिला है. (Bulldozer Run on Dalits House)

Bulldozer run on Dalits house in Sagar
सागर में ढहा दलितों का मकान

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Published : Jun 23, 2023, 3:50 PM IST

नरोत्तम मिश्रा का बयान

सागर।शिवराज सरकार के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के रैपुरा में वन भूमि में पिछले 50 सालों से काबिज 16 दलित परिवारों को बेदखल किए जाने के मामले को लेकर दिग्विजय सिंह के दौरे के बाद चौतरफा घिर गए हैं. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का साथ मिला है. दरअसल इस घटनाक्रम को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा है कि जब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जिला पंचायत अध्यक्ष भाई हीरा सिंह को मेरे रैपुरा गांव पहुंचने की जानकारी मिली, तो उन्होंने गांव पहुंचकर लोगों को धमका कर जबरन वीडियो बनवाया है. दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर गोविंद सिंह राजपूत ने जवाब देते हुए कहा है कि आप वरिष्ठ नेता हैं और इतनी हल्की और झूठी बात लिखना शोभा नहीं देती. वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि दिग्विजय सिंह राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं. उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. गोविंद सिंह राजपूत स्पष्टीकरण दे चुके हैं. जिनके मकान टूटे हैं, वह बयान दे चुके हैं. टूटे मकान फिर बनाए जा रहे हैं. (Bulldozer Run on Dalits House)

धरने पर दिग्विजय सिंह

क्या है मामला:दरअसल बुधवार शाम को सुरखी विधानसभा क्षेत्र के रेपुरा गांव में वन, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम पहुंची थी. रैपुरा गांव में रहने वाले 16 दलित परिवारों को बिना वक्त दिए उनके मकान ढहा दिए थे. यह दलित परिवार करीब 50 साल से ज्यादा वक्त से इस जगह पर काबिज था और 16 में से 6 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था. जिसके तहत वह अपने आवास का निर्माण भी कर रहे थे, लेकिन बुधवार शाम को पहुंची वन विभाग की टीम ने दलित परिवार को अपने सामान निकालने का भी मौका नहीं दिया और उनके घरों को तहस-नहस कर दिया. घटनाक्रम की खबर लगते ही गुरुवार को दिग्विजय सिंह गांव पहुंच गए और ग्रामीणों से पूरा घटनाक्रम सुनने के बाद कलेक्टर, एसपी और डीएफओ से मिलने को की मांग को लेकर गांव में ही धरने पर बैठ गए. आखिरकार कलेक्टर, एसपी और डीएफओ मौके पर पहुंचे और जब दिग्विजय सिंह की मांगों को मान लिया गया. तब दिग्विजय सिंह लिखित आश्वासन लेकर धरने से हटे. इस मामले में सियासत का सिलसिला लगातार जारी है. बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई दलित परिवारों पर जानबूझकर की गई है.

ट्विटर पर भिड़े दिग्विजय सिंह और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत: इस घटनाक्रम में दिग्विजय सिंह के धरने के बाद मानी गई तमाम मांगों को लेकर राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बैकफुट पर हैं. हालांकि वह दिग्विजय सिंह पर लगातार हमला भी कर रहे हैं. आज इस मामले में दिग्विजय सिंह ने दो वीडियो शेयर करते हुए राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बड़े भाई हीरा सिंह राजपूत, जो कि सागर जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं, उन पर दबाव बनाकर ग्रामीणों से मनमाफिक बुलवाने का आरोप लगाया है. ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो को लेकर राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने जवाब दिया है और कहा है कि आप इतने बड़े नेता हैं और आपको यह हल्की और झूठी बात बोलना शोभा नहीं देता है. आपने सारी जिंदगी झूठ बोला है, कम से कम इस उम्र में तो सच बोल दीजिए. (Twitter War Digvijay and Govind Singh)

दलितों का मकान ढहा

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दिग्विजय का ट्वीट:दिग्विजय सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि यह वीडियो 22 का है. हमारे पहुंचने के पहले धमका कर बनाया गया था. जब मालूम पड़ा की मैं रैपुरा जा रहा हूं तो हीरा सिंह ने लोगों को धमकाया और मामला दबाने के लिए इस वीडियो के माध्यम से fire fighting करने का प्रयास किया था.

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को मिला नरोत्तम मिश्रा का साथ: पूरे घटनाक्रम को लेकर जब प्रशासन दिग्विजय सिंह की तमाम मांगे मान चुका है और बेदखल किए गए दलितों को आवासीय पट्टा देकर खुद मकान बनवाने की बात कह रहा है तो भाजपा बैकफुट पर नजर आ रही है. इस मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं. उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. गोविंद सिंह स्पष्टीकरण दे चुके हैं. जिनके मकान टूटे हैं, वह बयान दे चुके हैं. टूटे मकान फिर बनाए जा रहे हैं.

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